अध्यात्म

Raksha Bandhan 2022: यूपी का एक ऐसा गांव जहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन का त्यौहार, होता है अपशगुन

Raksha Bandhan 2022: यूपी का एक ऐसा गांव जहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन का त्यौहार, होता है अपशगुन
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Raksha Bandhan 2022: अगर इस गांव के लोग दूसरे गांव में जाकर बस गए हैं तो वहां भी राखी का त्यौहार नहीं मनाते।

Raksha Bandhan: देश में रक्षाबंधन का त्यौहार जहां पूरे धूमधाम तथा विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। वहीं देश के उत्तर प्रदेश (UP) के एक गांव (Village) में यह पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन (Rakshabandhan is not Celebrated) नहीं मनाया जाता। इसके लिए कई कारण बताए जाते हैं। आज यह परंपरा का रूप ले चुकी है। इसकी शुरूआत 12 वीं सदी में हुई थी। आज भी लोग इसका पालन कर रहे हैं। वही यह भी पता चल रहा है कि इस गांव की बहुएं तो अपने भाइयों को राखी बांधती हैं लेकिन इस गांव की लड़कियां अपने भाई को राखी नहीं बांधतीं है। अगर इस गांव के लोग दूसरे गांव में जाकर बस गए हैं तो वहां भी राखी का त्यौहार नहीं मनाते। लोगों का कहना है कि अपशकुन होता है।

कौन सा है वह गांव

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से 30 किलोमीटर दूर मुरादनगर के समीप एक गांव है जिसका नाम है सुराना (Surana)। सुराना गांव पहले सोनगढ़ (Songarh) के नाम से जाना जाता था। यहां चंद्रवंशी अहिर क्षत्रियों का ठिकाना था। कहते हैं कि राजस्थान के अलवर से निकलकर यह छाबड़िया गोत्र के चंद्रवंशी अहीरों ने जागीर बनाई थी।

आज इस गांव की आबादी करीब 22 हजार के करीब है। इस पूरे गांव में के लोग रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाते हैं। जिसके कारण इस गांव के हर युवक की कलाई रक्षाबंधन के दिन खाली रहती है।

प्रचलित है एक कथा

गांव के लोगों के बताए अनुसार मान्यता है कि इस गांव में एक स्थानीय देवता का निवास था। देवता में इतनी शक्ति थी किस गांव के लोगों का कोई अनिष्ट नहीं कर सकता था। लेकिन मोहम्मद गौरी (Mohammad Ghori) ने रक्षाबंधन के दिन इस गांव पर आक्रमण कर बच्चे, बूढ़े, महिला, जवान सभी की निर्मम हत्या कर दी थी।

लोगों द्वारा बताया जाता है कि रक्षाबंधन के पूर्व मोहम्मद गौरी ने इस गांव पर कई बार आक्रमण किया। लेकिन वह खाली हाथ ही लौटता था। बताते हैं कि गांव के उस देवता की कृपा से जैसे ही मोहम्मद गौरी की सेना इस गांव की सीमा में प्रवेश करती थी उसके सारे सैनिक अंधे हो जाते थे। ऐसे में सेना आपस में लड़ मरती या फिर गांव छोड़ कर भाग जाती है।

बताते हैं कि रक्षाबंधन के दिन गांव की वह देवता गंगा स्नान करने के लिए चले गए थे। किसी तरह इस बात की जानकारी मोहम्मद गौरी को हो गई और सन 1206 में मोहम्मद गोरी ने गांव पर आक्रमण कर उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। तब से आज तक इस गांव का कोई भी व्यक्ति रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाता।

आज भी होते हैं अपशगुन

कई बार आधुनिक समय के भाई-बहनों ने रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना चाहा। लेकिन कहा जाता है कि जिसने भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया उसके यहां कोई न कोई अपशगुन अवश्य हो गया। ऐसे में लोगों ने रक्षाबंधन का त्यौहार ही मनाना बंद कर दिया। कहा तो यहां तक जाता है कि अगर गांव का कोई परिवार इस गांव को छोड़कर चला गया और दूसरी जगह घर बनाकर रहने लगा। लेकिन वहां जाकर भी वह रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाता।

राखी बांधने का शुभ समय

इस वर्ष राखी बांधने के लिए शुभ समय (Rakhi Shubh Muhurt) के लिए ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि 11 अगस्त 2022 को सुबह 8ः50 से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। लेकिन यह पूर्णिमा तिथि में कुछ समय के लिए भद्राकाल है। ऐसे में राखी बांधने का समय 11 अगस्त को रात 8ः25 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन 12 अगस्त को 7ः16 बजे तक है।

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