अध्यात्म

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव का अद्भुत शिव मंदिर, मंदिर के खम्भे बता देंगे आपने कितना पाप किया है, आइये जाने इस रहस्यमई मंदिर के बरें में

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव का अद्भुत शिव मंदिर, मंदिर के खम्भे बता देंगे आपने कितना पाप किया है, आइये जाने इस रहस्यमई मंदिर के बरें में
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Maha Shivratri 2022: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में भगवान भोलेनाथ के कई मंदिर हैं। लेकिन यहां दो ऐसे खास शिव मंदिर हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि यह विलक्षण हैं।

Maha Shivratri 2022: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में भगवान भोलेनाथ के कई मंदिर हैं। लेकिन यहां दो ऐसे खास शिव मंदिर हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि यह विलक्षण हैं। मंदिरों की अपनी अलग-अलग खासियत है। शिवरात्रि के अवसर पर इन दोनो मंदिरों में अपार श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है। दूर-दूर से लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। आइये जाने इन मंदिरों के बारे में।

पाप पुण्य बताने वाले खम्भे

कहा गया है कि रतलाम जिले में एक अनूठा शिवमंदिर है। जिसके सम्बंध में कहा जाता है कि यहां के खम्भे मनुष्य के पाल और पुष्ण के बारे में बातते है। यह मंदिर रतलाम के गुणावाद गांव में मलेनी नदी के किनारे स्थित है।

उड़कर आया है मंदिर

इस मंदिर के सम्बंध मे कहा गया जाता है कि इसका निर्माण नही करवाया गया है। लोगों की मान्यता है कि यह मंदिर उड़कर आया है। लेकिन मंदिर की खुदाई में कई रहस्यमई पत्थर मिले हैं। उनमें उभरी आकृति रहस्यमई दिखाई देते हैं।

लेगे है स्तम्भ

कहा गया है कि मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने के दाई और बांई ओर दो-दो स्तंभ के जोड़े लगे हुए हैं। यह स्तम्भ काफी सटे हुए है। कहा जाता है कि जो इंसान दाई ओर के स्तम्भो से निकल जाता है। उसके सम्बंध में माना जाता है कि उसने जीवन में पुण्य के कार्य किये है।

वही कहा जाता है कि मंदिर की दूसरी ओर गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले बांई ओर भी ऐसे ही सटे हुए दो स्तम्भ हैं। इन स्तम्भों के सम्बंध में कहा गया है कि जो इंसान इन स्तम्भ के बीच से निकल जायेगा। उसके पाप नष्ट हो जाते है।

68 शिवलिंग का भव्य मंदिर

जानकारी के अनुसार रतलाम शहर के बीचोबीच एक प्राचीन विशाल शिव मंदिर है। इस मंदिर से लोगो की बड़ी आस्था जुडी हुई है। यहां शिवरात्रि के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आते हैं।

कहा गया है कि इस मंदिर की खासियत है कि यहां करीब 68 शिवलिंग मोजूद हैं। इस मंदिर को दण्श्रिसवामी संतो का मठ भी बताया जाता है। इतने शिवलिग वाले मंदिर का दर्शन करने मात्र से लोगों के दुखों का नाश हो जाता है।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।

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