
जानिए कब है गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज व कब से लगेगा पितृ पक्ष, देखे सितम्बर माह में पड़ने वाले त्यौहारों की लिस्ट

September 2021 Festivals
September 2021 Festivals : नई दिल्ली। सितम्बर माह में कई महत्वपूर्ण त्यौहार पड़ने वाले हैं। हिन्दू धर्म में इन त्यौहार का खास महत्व हैं। इन त्यौहारों को लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दौरान लोग विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रहते हैं। इन त्यौहारों में प्रमुख रूप से गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज शामिल हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ठीक इसी प्रकार हरतालिका तीज भी बेहद महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक हैं। इस दिन महिलाए निर्जला व्रत रहती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सितम्बर 2021 माह में पड़ने वाले प्रमुख त्यौहारों के बारे में।
सितम्बर 2021 के प्रमुख त्यौहार (September 2021 Festivals Date)
सितम्बर माह त्यौहारों को लेकर काफी खास हैं। इस माह 03 सितंबर को अजा एकादशी, 04 सितंबर को शनि प्रदोष, 05 सितंबर को मासिक शिवरात्रि, 09 सितंबर को हरतालिका तीज, 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, 17 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी, 18 सितंबर को शनि प्रदोष व्रत, 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी, 20 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा, 24 सितंबर को संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार है।
हरतालिका तीज
हरतालिका तीज का त्यौहार महिलाओं के लिए बेहद खास है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत रहने वाली महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती एवं गणेश भगवान की पूजा-अर्चना करती हैं। हरतालिका तीज का त्यौहार 09 सितम्बर 2021 दिन गुरूवार को पड़ रहा है।
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी त्यौहार का हिन्दू धर्म में बेहद महत्व है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर्व पर विघ्नहर्ता भगवान की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं। इस त्यौहार को महाराष्ट्र में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी त्यौहार इस साल 10 सितम्बर 2021 को पड़ रहा है।
पिृत पक्ष
पितृ पक्ष की शुरूआत 20 सितम्बर 2021 से होगी। जिसका समापन 06 अक्टूबर 2021 को होगा। हिदू धर्म शास्त्रों की माने तो पितृ पक्ष में लोग माता-पिता की मृत्यु उपरांत उनकी आत्मा को पूर्ण रूप से मुक्ति प्रदान करने श्राद्ध करते हैं। उन्हें जल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वह अपनी संतानों को सुख-समृद्धि का आर्शिवाद देते हैं।