अध्यात्म

Hartalika Teej 2022 Vrat Katha: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं रखती है 24 घंटे का निर्जला व्रत, जानें व्रत कथा

Hartalika Teej Vrat Katha
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Hartalika Teej 2022 Ki Vrat Katha, हरतालिका तीज व्रत कथा कहानी: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखती है।

Hartalika Teej 2022 Ki Vrat Katha, हरतालिका तीज व्रत कथा कहानी: खंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखती है। यह बहुत कठिन रहता है। क्योंकि महिलाएं 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान पानी पीना या कुछ खाना तो दूर लार का एक घूंट भी नहीं निकलती। इस कठिन व्रत को महिलाएं बड़े ही उत्साह के साथ, श्रद्धा के साथ और भगवान के प्रति विश्वास रखकर मनाती है। आज हम हरितालिका तीज की पौराणिक कथा के बारे में जानेंगे।

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बहुत रोचक है हरतालिका व्रत की कथा

हरतालिका व्रत की शुरुआत देवाधि देव महादेव तथा माता पार्वती की वजह से शुरू हुआ है। भगवान भोलेनाथ ने इस व्रत का नाम हरतालिका रखा था। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित हरतालिका कथा के बारे में आइए जाने।

भगवान भोलेनाथ माता पार्वती को कहते हैं कि तुमने बचपन में बहुत घोर तप किया था। तुम्हे इस तपस्या को करते हुए देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए थे। उन्होंने नारद को भेजकर कहलवाया की वहां उन से विवाह करना चाहते हैं। नारद की बात सुनकर पार्वती जी के पिता जी प्रसन्न हो गए। वह भगवान विष्णु से विवाह के लिए राजी हो गए।

दुखी हुई माता पार्वती

भगवान भोलेनाथ माता पार्वती को बताते हैं कि जैसे ही इस बात की जानकारी आपको हुई आप बहुत दुखी हुए। ऐसे में आपके दुख का कारण जानने पर आपकी सहेली ने आपको एक सलाह दी। साथ ही आपको हरण कर जंगल में ले गई।

घोर तपस्या में लीन हुई

शिव जी कहते हैं कि आपकी सहेली आपको एक गुफा में ले गई। जहां आपने रेत के शिवलिंग का निर्माण किया। और विधि विधान से उसकी पूजा करते हुए मुझे प्रसन्न कर लिया कर लिया। यूं ही कहा जा सकता है कि आपकी तपस्या से मेरा सिंहासन डोलने लगा ऐसे में मैं स्वयं आपके समक्ष प्रस्तुत हुआ।

प्रसन्न हुए भगवान भोलेनाथ

मैंने आपसे आपकी तपस्या के बदले में मनचाहा वर मांगने के लिए कहा। तब आपने सच्चे मन से कहा मैं आपको पति के रूप में वरण कर चुकी हूं। यदि आप सचमुच तपस्या से प्रसन्न है तो मुझे अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करें।

इतना सुनने के बाद भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तथास्तु कहकर मनोकामना पूरी करने के लिए कहा। लेकिन इसी दौरान उनके पिता ढूंढते हुए पहुंच गए और सारी बात जानने के बाद भगवान भोलेनाथ से विवाह करवा दिया।

भोलेनाथ ने रखा हरतालिका नाम

भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती से कहा कि तुम्हारी सखी ने तुम्हारा हरण किया था। उनके हरण करने के पश्चात तुमने इतनी कठिन साधना की। ऐसे में मैं इस व्रत का नाम हरतालिका व्रत रख रहा हूं। साथ ही कहा गया है कि जो भी स्त्री इस व्रत को निष्ठा पूर्वक करेंगी उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त होगा। पति दीर्घायु के साथ ही धनवान और पत्नी को मान सम्मान देने वाले होंगे।

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