अध्यात्म

Garuda Purana: मृत्यु के बाद शव को क्यों नहीं छोड़ा जाता अकेला, पढ़ लेंगे तो हिल जाएगा कलेजा

Garuda Purana: मृत्यु के बाद शव को क्यों नहीं छोड़ा जाता अकेला, पढ़ लेंगे तो हिल जाएगा कलेजा
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Garuda Purana: मृत्यु के बाद शव को क्यों नहीं छोड़ा जाता अकेला, पढ़ लेंगे तो हिल जाएगा कलेजा! Why the dead body is not left alone after death, if you read it, the heart will be shaken

Garuda Purana: आपने भी देखा होगा की मृत्यु के पश्चात मृतक के शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता। लोग इसके बारे में शास्त्र सम्मत तर्क भले ही ना जानते हो लेकिन यह प्रचलन बन चुका है। लोग शव अकेला नहीं छोड़ते। कोई ना कोई उसके पास रहता ही है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसके पीछे कारण क्या होगा।

सूर्यास्त के बाद नहीं होता दाह संस्कार

हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करना निषेध बताया गया है। दाह संस्कार सूर्यास्त के बाद केवल भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में किया जाता है। इसके अलावा कहीं भी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं होता। लेकिन रात में या सूर्यास्त के बाद मृत्यु हुए लोगों को दूसरे दिन सुबह में अग्नि संस्कार किया जाता है। लेकिन इस दौरान शव को अकेला नहीं छोड़ते।

आइए जानें इसके प्रमुख कारण

गरुड़ पुराण में बताया गया है शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता क्योंकि उसमें भटकती हुई आत्मा प्रवेश कर सकती हैं । जिससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश कर जाते हैं। परिवार वालों पर मुसीबत आ सकती है।

कहा गया है मृत्यु के बाद आत्मा घर में 13 दिन तक निवास करती है। ऐसे में दाह संस्कार के पहले शव को अकेला न छोड़े। अन्यथा आत्मा अपना अपमान समझती है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृतक का शव पूजनीय हो जाता है। अगर इसे अकेला छोड़ दिया जाए तो इस पर कीड़े मकोड़े नष्ट कर देंगे। यह शव का अपमान होगा।

एक कारण यह भी बताया गया है कि रात के समय तांत्रिक क्रियाएं होती हैं। अगर शव को अकेला छोड़ दिया जाए तो तंत्र मंत्र करने वाले लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

कहा गया है कि शव के आसपास लोगों के रहने से उसकी पूरी सुरक्षा होती है। अगर लोग नहीं रहेंगे तो बैक्टीरिया फेलिनी की क्रिया तेजी से बढ़ती है। लेकिन जब लोग वहां आस-पास रहते हैं तो फूल, इत्र, अगरबत्ती जलाकर इन बैक्टीरिया को दूर रखते हैं।

नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इस पर पूर्ण भरोसा करने के पहले विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।

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