अध्यात्म

Garuda Purana: क्यों किसी की मृत्यु के बाद घर में चूल्हा नहीं जलता, जानें

Garuda Purana: क्यों किसी की मृत्यु के बाद घर में चूल्हा नहीं जलता, जानें
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Garuda Purana: जन्म से लेकर मृत्यु तक सनातन धर्म में 16 संस्कार बताए गए हैं।

Why stove does not burn in home after someone's death: कहा गया है जन्म और मृत्यु के बीच जीवन है। जैसे ही जीवन समाप्त होता है व्यक्ति की सांसे रुक जाती है वह मृत हो जाता है। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सबसे आखरी और अंतिम संस्कार हिंदू धर्म में किया जाता है। जन्म से मृत्यु के बीच हमारे सनातन धर्म में 16 संस्कार बताए गए हैं। मरणोपरांत होने वाला संस्कार अंतिम होता है। लेकिन इसमें बहुत सारी जटिलताएं और विधि-विधान आज भी प्रचलन में हैं। इन्हें नकारा नहीं जा सकता।

मृत्यु की सभी क्रियाओं को बताता है गरुण पुराण

भगवान विष्णु को समर्पित गरुण पुराण जो मृत्यु के बाद की जाने वाली सभी क्रियाओं के संबंध में विधिवत ज्ञान देता है। आज हम उसी के संबंध में खास तौर पर मृत्यु के बाद जब तक दाह संस्कार मृतक का नहीं हो जाता तब तक घर में चूल्हा जलाने को निषेध बताया गया है। आखिर किस में क्या कारण है आइए इसके बारे में जानकारी लें।

क्यों नहीं जलता चूल्हा

गरुण पुराण में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि जब तक मृतक का अंतिम संस्कार ना हो जाए तब तक उस घर में चूल्हा नहीं चलना चाहिए। ऐसा करने से मृत आत्मा को कष्ट पहुंचता है। क्योंकि भोजन तो व्यक्ति प्रसन्नित होने पर ही करता है। लेकिन अगर घर में कोई व्यक्ति मृत हो गया है तो हम प्रसन्न कैसे रह सकते हैं, हम भोजन कैसे कर सकते हैं, और अगर भोजन करते हैं तो मृत आत्मा जो वहां आसपास मौजूद रहती है उसे कष्ट होता है। इससे लोगों को बचाए रखने के लिए गरुण पुराण (Garuda Purana) में इसे निषेध कर दिया गया है।

मृतक को दिया जाता है पिंडदान

एक बात यह भी है कि जब कोई व्यक्ति मृत हो जाता है तो उसके उस मृतक शरीर को देव तुल्य बताया गया है। जब वह देव तुल्य हो गया है उसका सम्मान तभी होगा जब उसकी पूरी क्रिया की जाए। यह सब किए बिना हम भोजन कैसे कर सकते हैं। अगर करते हैं तो यह उस मृत देव तुल्य शरीर का अपमान होगा।

है वैज्ञानिक कारण भी

अगर इस बात को वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Fact) से देखा तो पता चलता है कि शरीर के मृत्यु हो जाने पर उल्टी क्रिया प्रारंभ हो जाती है। शरीर में मौजूद तत्व आपस में क्रिया कर बैक्टीरिया पैदा करते हैं जो अदृश्य रूप में उस घर में फैल जाते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि भोजन आदि का कार्य न किया जाए। वह शुद्ध और दूषित माना गया है।

नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इस पर पूर्ण भरोसा करने के पहले विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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