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Dussehra 2022: लंका के राजा रावण को एमपी में कर लिया गया था कैद, जानें इस रोचक कथा के बारे में..

Ravan Amazing Facts
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Ravan Amazing Facts In Hindi: त्रिलोक विजेता राजा रावण भले ही तीनों लोकों में राज्य करता था लेकिन उसे मध्यप्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था।

Ravan Amazing Facts In Hindi: त्रिलोक विजेता राजा रावण भले ही तीनों लोकों में राज्य करता था लेकिन उसे मध्यप्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं रावण को मध्य प्रदेश के राजा ने अपने कैदखाने में डाल रखा था। लेकिन भगवान शिव का अनन्य भक्त होने की वजह से ऋषि पुलिस और भगवान परशुराम ने मिलकर छुड़ाया था। राजा रावण मध्य प्रदेश से काफी लगाव रखता था। उसका आना-जाना मध्य प्रदेश बना ही रहता था।

राजा सहस्त्रार्जुन ने बनाया था बंदी

बताया जाता है कि रावण को मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) के महेश्वर (Maheswar) में बंदी बनाया गया था। बताते हैं कि रावण नर्मदा तट पर तपस्या कर रहा था उसी समय महेश्वर के राजा सहस्त्रार्जुन (Sahastrarjun) की वजह से तपस्या में विघ्न पड़ा और दोनों में घोर युद्ध हुआ। इस युद्ध में सहस्त्रार्जुन ने रावण को बंदी बना लिया। और उसे ले जाकर कारागार में डाल दिया।

बाहुबली फिल्म माहिष्मती सामराज्य एमपी में

आज का महेश्वर जिसे हम बाहुबली नामक फिल्म में माहिष्मती साम्राज्य (Mahishyamati Samrajya) के बारे में देख चके है। यह मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में है। महेश्वर साम्राज्य नर्मदा नदी के आस पास है। यह काफी सम्पन्न इलाकों में से एक था।

बताते हैं कि राजा रावण नर्मदा नदी (Narmada Nadi) की पवित्रता और भगवान शिव का विशेष लगाव होने की वजह से यहां आया करता था। नर्मदा जी भगवान शिव के पसीने से उत्पन्न हुई थी। वह शिव की पुत्री कहलाती हैं।

मान्यता है कि जो भी यहां तपस्या पूजा करता है उसके सारे कष्ट भगवान शिवहर लेते हैं। इसीलिए रावण भी नर्मदा के किनारे नर्मदा के पत्थरों को शिवलिंग के समान स्थापित कर पूजा किया करता था और भगवान शिव शम्भू उस पर प्रसन्न हुआ करते थे।

पूजा में पड़ा विघ्न हुआ युद्ध

बताते हैं कि रावण शिव जी को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या कर रहा था। उसी समय महेश्वर या कहे माहिष्मती के राजा सहस्त्रार्जुन के आने जाने से रावण की तपस्या भंग हो गई। जिससे रावण को क्रोध आ गया। फिर क्या था रावण और सहस्त्रार्जुन में घोर युद्ध हुआ। इस युद्ध में रावण को हार का सामना करना पड़ा।

सहस्त्रार्जुन ने नहीं की रावण की हत्या

युद्ध में हारने के बाद रावण की हत्या करने के बजाय सहस्त्रार्जुन ने उसे कैद कर लिया। कहते है कि वह एक धर्मप्रिय राजा थे। उन्होंने रावण का वध नहीं किया। क्योंकि वह तपस्वी भेष में ब्राह्मण राजा की हत्या कर पाप नहीं लेना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने रावण को अपने कैद खाने में कैद कर दिया।

शिवजी हुए विचलित

कहते हैं कि रावण को जब सहस्त्रार्जुन ने कैद कर लिया तो भगवान शिव विचलित हुए। अपने भक्त को कष्ट में देखकर उन्होंने रावण को छुड़वाने के लिए अपने शिष्य परशुराम तथा ऋषि पुलस्त्य को भेजा। जहां जाकर दोनो ने सहस्त्रार्जुन का क्रोध सांता किया और उसे छुड़वाया।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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