अध्यात्म

Death Signs In Garuda Purana: मृत्यु आने के पहले ये लक्षण संकेत देते है की कितनी सांसें हैं बाकी

Death Signs In Garuda Purana
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Death Signs In Garuda Purana

Death Signs In Garuda Purana: मृत्यु आने के पहले ये लक्षण संकेत देते है की कितनी सांसें हैं बाकी! These symptoms indicate how many breaths are left before death comes

Death Signs In Garuda Purana: कभी आपने सोचा है कि अगर मौत आ जाए तो क्या होगा। लेकिन इस विषय पर कोई सोचना नहीं चाहता। जबकि आपको भी पता है एक न एक दिन हम सबको मरना है। क्योंकि श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा था कि जो पैदा हुआ है वह एक न एक दिन अवश्य ही नष्ट होगा। नष्ट होने का अर्थ मृत्यु को प्राप्त करना है। हमारे गरुण पुराण में इस शरीर के संबंध में बताया गया है कि यह शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है। आइए जाने परिवर्तनों के बारे में जो मृत्यु के पूर्व शरीर में दिखाई देते हैं।

मृत्यु के पूर्व शरीर पर कई तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं। बताया गया है कि व्यक्ति की जीभ काम करना बंद कर देती है जिससे स्वाद आना भी बंद हो जाता है। वही बताया गया है कि बोलने में दिक्कत होती है। आवाज जब स्पष्ट न निकले तो समझ लेना चाहिए कि अब गिने-चुने दिन शेष बचे हैं।

कहते हैं कि मृत्यु के पूर्व सूर्य और चंद्रमा का प्रकाश नहीं दिखता। शरीर में पीलापन आ जाता है। सफेदी आ जाती है जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो शरीर में खून की कमी है।

मरने वाले व्यक्ति को उसे अपनी छाया नहीं दिखाई देती। जब यह लक्षण दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि मृत्यु काफी नजदीक है। सप्ताह भर के अंदर उसकी मृत्यु हो सकती है।

बताया गया है कि मृत्यु से 3 दिन पहले मरने वाले व्यक्ति को उसके आसपास कोई दैवीय आत्माएं दिखने लगती है। कहा जाता है कि वह आत्माएं यमदूत होते हैं। मरने वाले व्यक्ति के शरीर से अजीब तरह की गंध आती है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के 24 घंटे पूर्व व्यक्ति को अपना चेहरा आईने में नजर आना बंद हो जाता है। व्यक्ति को तेल और पानी में भी अपना चेहरा नहीं दिखता।

अगर यह सब लक्षण दिखते हैं तो व्यक्ति को समझ जाना चाहिए कि मृत्यु के दिन नजदीक है। ऐसे में व्यक्ति को अपने इष्टदेव का ध्यान करना शुरू कर देना चाहिए। इससे बहुत बड़ा कल्याण होता है।

नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता। यह जानकारी मान्यताओं और पुरानी पुस्तकों में लिखे अनुसार आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है।

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