अध्यात्म

Chanakya Niti : समाज में इन लोगों को कभी नहीं मिलता है मान एवं सम्मान

Manoj Shukla
18 March 2021 8:33 PM GMT
Chanakya Niti : समाज में इन लोगों को कभी नहीं मिलता है मान एवं सम्मान
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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के कई अवगुणों को बताया हैं। वह कहते है कि जिस मनुष्य के अंदर ये पांच अवगुण होते हैं उन्हें समाज में कभी मान-सम्मान नहीं मिलता हैं। इसलिए अगर किसी मनुष्य के अंदर इस तरह के अवगुण पाए जाते हैं तो उन्हें इसे तुरंत बदल लेना चाहिए। क्योंकि यह अवगुण उसके लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं हैं।

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के कई अवगुणों को बताया हैं। वह कहते है कि जिस मनुष्य के अंदर ये पांच अवगुण होते हैं उन्हें समाज में कभी मान-सम्मान नहीं मिलता हैं। इसलिए अगर किसी मनुष्य के अंदर इस तरह के अवगुण पाए जाते हैं तो उन्हें इसे तुरंत बदल लेना चाहिए। क्योंकि यह अवगुण उसके लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं हैं।

Chanakya Niti : समाज में इन लोगों को कभी नहीं मिलता है मान एवं सम्मान

वैसे भी अक्सर बड़े-बुजुर्गों की जुबान से यह बात सहज ही सुनने को मिल जाती है कि इंसान की सूरत नहीं बल्कि उसके गुण उसे महान बनाते हैं। क्योंकि सूरत भले ही कितनी अच्छी हो, लेकिन अगर सीरत ठीक नहीं तो उसे अच्छा नहीं माना जाता है। संसार में मनुष्य को उसके कर्म ही अच्छा एवं बुरा बनाते हैं। तो चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने किन पांच अवगुणों को बताया हैं। जिसे मनुष्य को तुरंत बदल लेना चाहिए।

लालच

जिस मनुष्य के अंदर लालच होता है, धन का लोभ होता हैं। वह घर की जरूरतों को नजरअंदाज करके पैसे बचाने में लगा रहता हैं। ऐसे व्यक्ति पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वह किसी के भी सगे नहीं हो सकते है। लोभ व्यक्ति को क्रूर एवं व्याभिचारी बनाता हैं। इसलिए लालच किसी भी प्रकार से मनुष्य के लिए ठीक नहीं हैं। आचार्य कहते है कि जिस मनुष्य के अंदर यह अवगुण होते हैं उसे कभी मान-सम्मान की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं।

गुरूजनों एवं बड़ों का सम्मान

जो व्यक्ति अपने गुरूजनों, माता-पिता एवं बड़ों का सम्मान नहीं करता है उसे समाज में कभी सम्मान नहीं मिलता है। शास्त्रों में भी बड़ों का अपमान घोर पाप माना गया हैं। इसलिए छोटों को अक्सर बड़ों का सम्मान करना चाहिए। जिस व्यक्ति के अंदर यह अवगुण होता है उसे तुरंत बदल देना चाहिए।

बुरी संगत

संगत जैसी भी उसका असर मनुष्य पर जरूर पड़ता हैं। अच्छी संगत आपको अच्छाई के रास्ते पर ले जाती है और बुरी संगत आपको बुरा बनाती हैं। इसलिए जो व्यक्ति बुरी संगत के शिकार है उन्हें कभी भी मान-सम्मान की प्राप्ति नहीं होती है। बुरे संगत वाले इंसान को मरने के बाद भी लोग उसकी चर्चा करना पसंद नहीं करते हैं। इसलिए जरूरी है कि इंसान को बुरी संगत से दूर रहना चाहिए।

निंदा करना

जो व्यक्ति हमेशा दूसरों के पीछे किसी बुराई करता है वह बहुत ही खराब व्यक्ति माना जाता है। शास्त्रों में भी निंदा न करने की बात लिखी गई हैं। आचार्य भी ऐसे व्यक्ति को अच्छा नहीं मानते हैं। क्योंकि ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते हैं। जिस व्यक्ति के अंदर इस तरह के अवगुण पाए जाते हैं उन्हें सम्मान की कभी भी प्राप्ति नहीं होती है।

कठोर वाणी

जिस व्यक्ति की वाणी कठोर होती है उसे कोई भी पसंद नहीं करता है। इसलिए मनुष्य को मृदुभाषा होना चाहिए। मधुर बोलने वाले व्यक्ति समाज में न सिर्फ मान-सम्मान प्राप्त करता है बल्कि मरने के बाद भी उसे याद किया जाता है। जो व्यक्ति कठोर वाणी बोलता है उसे अपने अवगुणों पर सुधार करना चाहिए और अपने स्वभाव को उदार बनाना चाहिए।

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