अध्यात्म

Chanakya Niti : व्यक्ति को पहचानने में करते हैं गलती तो इन 4 गुणों से करें पहचान, जानिए सच्चे व्यक्ति के लक्षण

Manoj Shukla
31 March 2021 9:56 PM GMT
Chanakya Niti : व्यक्ति को पहचानने में करते हैं गलती तो इन 4 गुणों से करें पहचान, जानिए सच्चे व्यक्ति के लक्षण
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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य कूटनीति, राजनीति के साथ ही एक बहुत बड़े विद्वान थे। उन्होंने मनुष्य के जीवन के बारे में विस्तार से अपनी नीति शास्त्र में वर्णन किया हैं। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के 4 गुणों के बारे में बताया हैं। आचार्य के मुताबिक अगर किसी मनुष्य के अंदर यह गुण पाया जाता है तो वह एक सच्चा इंसान हैं।

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य कूटनीति, राजनीति के साथ ही एक बहुत बड़े विद्वान थे। उन्होंने मनुष्य के जीवन के बारे में विस्तार से अपनी नीति शास्त्र में वर्णन किया हैं। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के 4 गुणों के बारे में बताया हैं। आचार्य के मुताबिक अगर किसी मनुष्य के अंदर यह गुण पाया जाता है तो वह एक सच्चा इंसान हैं।

Chanakya Niti : व्यक्ति को पहचानने में करते हैं गलती तो इन 4 गुणों से करें पहचान, जानिए सच्चे व्यक्ति के लक्षण

अगर आप अभी तक व्यक्ति को पहचानने में धोखा या गलती करते आए हैं तो आचार्य द्वारा बताई गई इन बातों को जीवन में जरूर फालों करें। क्योंकि इन गुणों की मदद से आप सच्चे व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य अपने श्लोकों के माध्यम से किन गुणों वाले मनुष्य का जिक्र किया है। जिसे सच्चा व्यक्ति बताया हैं।

आचार्य ने अपने नीति शास्त्र के पांचवे अध्याय के दूसरे श्लोक में लिखा है...

यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निर्घर्षणं छेदनतापताडनैः।
तथा चतुर्भिः पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

आचार्य का मत है कि घिसने, काटने, तपने एवं पीटने से सोने की परख की जाती हैं। अर्थात इंसान की पहचान एवं उसके गुणों की पहचान त्याग एवं कर्म की भावना से होती है।

आचार्य कहते है कि सच्चे एवं अच्छे इंसान के अंदर त्याग की भावना होती हैं। जो व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए कुछ नहीं कर सकता है वह कदापि भला इंसान नहीं हो सकता है। दूसरों की खुशियों के लिए अपनी खुशियों का त्याग करने वाला ही एक सच्चा इंसान होता है।

इसी तरह आचार्य कहते है कि दूसरों को परखने के लिए मनुष्य का चरित्र काफी मायने रखता हैं। जो व्यक्ति बेदाग, बुराईयों से दूर रहते हैं, दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं रखते हैं वह श्रेष्ठ व्यक्ति होते हैं।

ऐसे ही आचार्य कहते है कि व्यक्ति को परखने के लिए उसमें कौन से गुण है इस पर भी ध्यान देना चाहिए। वह कहते है कि व्यक्ति अगर ज्यादा गुस्सा करता है, बात-बात पर झूठ बोलता है, दूसरों का अपमान करता है, अहंकार से भरा होता है वह कभी दूसरों का भला नहीं कर सकता है।
अंत में चाणक्य कहते है कि व्यक्ति किस कुल में जन्मा है उसका कर्म कैसा है इन सब बातों की मदद से भी इंसान की परख करनी चाहिए।

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