chaitra navratri 2022, chaitra navratri: हर धार्मिक कार्य में आरती पूजा के बाद लोगों की कलाई में पंडित जी द्वारा कलावा बांधा जाता है। कई बार देखा गया है कि कलावा बांधते समय पंडित जी द्वारा कुछ मंत्र पढ़ा जाता है। लेकिन यह मंत्र क्यों पढ़ा जाता है तथा कलावा बांधाने से क्या होता है। अगर आप भी इन प्रश्नों के उत्तर ढूढ रहे हैं तो अवश्य ही इस समाचार से आपको जानकारी मिलेगी। क्योंकि कलावा बांधने की प्रथा बहुत पुरानी है। हाथ में कलावा बांधने से कई अद्ष्य शक्ति का असर नही होता है। यह हमारे जीवन की रक्षा होती है।
जाने क्या है कलावा
कलावा के सम्बंध में कहा जाता है कि इसमें त्रिदेवों का निवास होता है। कलावा में तीन धागे आपस में मिले हुए होते है। जिसमें लाल, पीले और सफेद रंग का तीन अलग-अलग धागे होते हैं। इस कलावा को कई जगह रक्षासूत्र भी कहा जाता है।
विधि-विधान से करें धारण
कलावा धारण करने का कुछ नियम हेता है। जिसमें कहा गया है कि कलावा धारण करते समय मन को एकग्र कर बंधवांए। वही कहा गया है कि कलावा या रक्षासूत्र बांधते समय पुरोहित को मंत्र अवश्य पढ़ना चाहिए। वही कहा गया है कि कलावा छोटे बच्चों से नहीं बंधवाना चाहिए। इसे पुरोहित या फिर किसी उम्र में सयाने व्यक्ति से बंधवाना चाहिए।
कहा गया है कि अलग-अलग मन्नत के लिए अलग-अलग रंग का कलावा बांधना चाहिए। शास्त्रो के बातए अनुसार शिक्षा ग्रहण करने वाले को एकाग्रता के लिए नारंगी रंग का कलावा धारण पहनना चाहिए। इसे गुरूवार के दिन धारण करें उत्तम रहेगा।
बताया गया है कि विवाह सम्बंधी समस्या से मुक्ति के लिए सफेद रंग का कलावा धारण करना चाहिए। इसे सफेद कलावा को शुक्रवार के दिन सुबह के समय धारण करना चाहिए।
कहा गया है कि रोजगार पाने के लिए तथा आर्थिक समस्या से मुक्ति पाने के लिए नीले रंग का कलावा बांधना चाहिए। इसे शनिवार को शाम के समय बंधवाना सबसे उत्तम बताया गया है।
जानकारी के अनुसार नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने के लिए हमें काले रंग का कलावा धारण करना चाहिए। इसके पहले इस कलावे को माता काली के चरणों में चढ़ा दें इसके बाद इसे धारण करें।
वही सामान्य तौर पर तीन रंगों से बने कलावे को धारण करना चाहिए। जिसके लिए कहा गया है कि इस सामान्य कलावे में लाल, पीला तथा सफेद धागा लगा होता है। इस कलावे को धारण करने से सभी तरह के कष्टो से हमारी रक्षा होती है।