अध्यात्म

Badrinath Temple : बद्रीनाथ धाम में क्यों नहीं बजाया जाता है शंख? जानें पौराणिक और वैज्ञानिक कारण

Badrinath Temple : बद्रीनाथ धाम में क्यों नहीं बजाया जाता है शंख? जानें पौराणिक और वैज्ञानिक कारण
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Badrinath Temple Facts : बद्रीनाथ धाम चारों धामों में से एक धाम है, जहां भगवान विष्णु विराजमान हैं।

Badrinath Dham Me Shankh Kyun Nahi Bajaya Jata hai : बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक धाम यहां भगवान विष्णु (Lord Vishnu) बद्रीनारायण के रूप में विराजमान हैं (Badrinarayan)। भगवान विष्णु से जुड़े इस स्थान को पृथ्वी का बैकुंठ कहा जाता है. अगर आप कभी भी बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) गए होंगे तो आपने नोटिस किया होगा की वहां पूजा और आरती के दौरान शंख की ध्वनि सुनाई नहीं देती है (Conch Sound In Badrinath) , क्योंकि वहां शंख बजाया ही नहीं जाता है. द्रीनाथ (Badrinath) में शंख क्यों नहीं बजाया जाता है? इसके पौराणिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण को आपको बताएंगे।

बद्रीनाथ में शंख क्यों नहीं बजाया जाता है? पौराणिक कारण

Why Is Conch Not Blown In Badrinath? बद्रीनाथ में शंख (Conch) न बजाने के पीछे यहां से जुड़ी एक पौराणिक कथा है (Pauranik Katha) , शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी, बद्रीनाथ धाम में ध्यान कर रहीं थीं, उसी दौरान भगवान विष्णु का एक राक्षस जिसका नाम शंखचूर्ण था उससे युद्ध होने लगा, और युद्ध में भगवान ने राक्षस का वध कर दिया। युद्ध में विजय होने के बाद शंखनाद करके विजय की घोषणा की जाती है, लेकिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी का ध्यान भंग नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने शंख नहीं बजाया।

इसी से जुड़ी एक और कथा सुनाई जाती है (Badrinath Dham Pauranik Katha) एक सिद्ध ऋषि इस स्थान पर राक्षसों का वध कर रहे थे ऋषि के डर अतापी और वतापी नाम के राक्षस छिप गए. अतापी अपनी जान बचाने के लिए मन्दाकिनी नदी में छिप गया तो वहीं वतापी शंख में छिप गया था। इसके विषय में कहा जाता है की अगर कोई उस समय शंख बजाता तो वह राक्षस शंख से निकलकर भाग जाता।

बद्रीनाथ में शंख क्यों नहीं बजाया जाता है? वैज्ञानिक कारण

Badrinath Me Shankh Kyun Nahi Bajaya Jata Hai? Scientific Reason : बद्रीनाथ धाम में वर्ष भर ठण्ड पड़ती है, यह क्षेत्र बर्फ से लदा रहता है. शंख को जब बजाया जाता है उससे निकली ध्वनि ठन्डे और बर्फीले पहाड़ों से टकराकर प्रतिध्वनि उत्पन्न कर सकती है. जिससे की हिमस्खलन की भी नौबत बन सकती है। हो सकता है इस कारण से भी वहां शंख नहीं बजाया जाता हो।

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