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Apara Ekadashi Vrat Katha Kahani: जानिए कब है अपरा एकादशी, क्या है इसकी कथा, पूजन विधि और श्रीहरि को प्रसन्न करने का उपाय

Apara Ekadashi Vrat Katha Kahani: जानिए कब है अपरा एकादशी, क्या है इसकी कथा, पूजन विधि और श्रीहरि को प्रसन्न करने का उपाय
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Apara Ekadashi 2023 Date, Apara Ekadashi Pujan Vidhi: भगवान श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा और फलदाई एकादशी का व्रत बताया गया है। एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान श्री विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 15 मई 2023 को अपरा एकादशी है।

Apara Ekadashi 2023, Apara Ekadashi Vrat Katha Kahani, Apara Ekadashi 2023 Date: भगवान श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा और फलदाई एकादशी का व्रत बताया गया है। कहा जाता हे कि एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान श्री विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 15 मई 2023 को अपरा एकादशी है। तिथि के अनुसार जेष्ठ कृष्ण ग्यारस एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं। अपरा एकादशी में भगवान श्री विष्णु के पांचवें अवतार वामन ऋषि की पूजा की जाती है।

यह पाप हो जाते हैं नष्ट Apara Ekadashi Mantra

अपरा एकादशी को अचला, भद्रकाली तथा जल क्रीड़ा एकादशी भी कहते हैं। यह व्रत करने से ब्रह्महत्या, भूत योनि, दूसरे की निंदा, परस्त्री गमन, झूठी गवाही, झूठ बोलना, झूठे शास्त्र पढ़ना, झूठा ज्योतिषी बनना तथा झूठा वैध बनने से जो पाप लगते हैं वह सब नष्ट हो जाते हैं। कहा गया है कि एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य सभी पापों से छूट कर यम यातना के स्थान पर विष्णुलोक को प्राप्त करते हैं।

क्या है अपरा एकादशी की कथा Apara Ekadashi 2023 Date

अपरा एकादशी के संबंध में बताया गया है कि प्राचीन काल में महीध्वज नाम के धर्मात्मा राजा थे। वही उनका भाई वज्रध्वज बहुत ही क्रूर और अधर्मी था। अपने स्वभाव की वजह से वह अपने बड़े भाई से बहुत कुपित रहा करता था। तभी तो एक दिन वह अपने भाई को मारकर उनके शव को जंगल में पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु की वजह से राजा प्रेतात्मा के रूप में उस पीपल पर रहने लगा और वह भी उत्पाद करने लगा। एक दिन वहां से धौम्य नामक ऋषि गुजरे। उन्होंने अपने योग बल से प्रेत को देखकर उसके अतीत को जान लिया और सारा भेद समझ गए।

कहते हैं कि उन्होंने प्रेत को पेड़ से उतारा और उसे परलोक विद्या का ज्ञान दिया। उन्होंने उस मृतक राजा को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने अपरा एकादशी का व्रत किया। ऋषि के इस प्रयास से राजा राजा प्रेत योनि से मुक्त हो गए और स्वर्ग चले गए। तब से यह कथा लोगों को सुनाई जाती है। कहा गया है कि जो भी अपरा एकादशी का व्रत करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

इनका चढ़ाएं प्रसाद Apara Ekadashi 2023 Shubh Muhurat

अपरा एकादशी में भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान से पूजा करने के बाद ऋतु फल, चना, गुड, खजूर ककड़ी और मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

ऐसे करें प्रसन्न
Apara Ekadashi Pujan Vidhi

एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए कुछ मंत्र बताए गए हैं। कहा गया है कि ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम हूम विष्णवे नमः, ओम विष्णवे नमः, ओम नमो नारायण, जैसे मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ में माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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