
Ganesh Visarjan 2025: जानिए कब करें गणेश विसर्जन? यहाँ देखे उनकी पूजा और विसर्जित करने का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी 2025 पूजा और गणेश विसर्जन
अनंत चतुर्दशी गणेश विसर्जन और भगवान विष्णु की पूजा का पर्व: भाद्रपद मास में आने वाला अनंत चतुर्दशी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है। यह दिन दो कारणों से महत्वपूर्ण है: पहला, इस दिन भगवान विष्णु के अनंत नारायण रूप की पूजा होती है, और दूसरा, यह गणेश विसर्जन का दिन होता है। 10 दिनों तक चले गणेश चतुर्थी उत्सव के बाद भक्त इसी दिन बप्पा को विदा करते हैं।
कब है अनंत चतुर्दशी और पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल अनंत चतुर्दशी शनिवार, 6 सितंबर, 2025 को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को सुबह 3:12 बजे शुरू होगी और अगले दिन 7 सितंबर को रात 1:41 बजे समाप्त होगी। इस पूरे दिन पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन पूजा का सबसे अच्छा समय 6 सितंबर को सुबह 5:21 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर को रात 1:41 बजे तक रहेगा।
Ganesh visarjan puja ka samay
पंचांग के अनुसार, गणेश विसर्जन के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं जिनमें भक्त बप्पा को विदाई दे सकते हैं:
- सुबह: 7:35 बजे से 9:11 बजे तक (शुभ चौघड़िया)
- दोपहर: 1:53 बजे से 3:29 बजे तक (लाभ चौघड़िया) और 3:28 बजे से 5:04 बजे तक (अमृत चौघड़िया)
- शाम: 6:38 बजे से 8:04 बजे तक (लाभ चौघड़िया)
अनंत चतुर्दशी पर बन रहे हैं खास योग
इस साल अनंत चतुर्दशी का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि इस दिन सुकर्मा योग और रवि योग बन रहे हैं। इसके साथ ही, धनिष्ठा नक्षत्र और शतभिषा नक्षत्र का भी संयोग है। ज्योतिषियों का मानना है कि इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करना और अनंत सूत्र बांधना विशेष फलदायी होता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और आर्थिक खुशहाली आती है।
अनंत सूत्र बांधने का महत्व
अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र (कच्चे धागे) को पूजा कर घर के पुरुष दाहिने हाथ में और स्त्रियां बाएं हाथ में बांधती हैं। मान्यता है कि यह सूत्र बांधने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में स्थिरता आती है।
Aanant chaturdashi 2025 puja kaise kare
- सुबह स्नान कर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
- पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।
- अनंत सूत्र को हल्दी और कुमकुम से पूजें।
- परिवार सहित अनंत चतुर्दशी व्रत कथा का पाठ करें।
- फल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद अनंत सूत्र को बांधें।




