सिंगरौली

रीवा समेत 30 हाई प्रोफाइल सीट आयकर विभाग की राडार में, जानिये क्या है पूरा मामला...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:32 AM IST
रीवा समेत 30 हाई प्रोफाइल सीट आयकर विभाग की राडार में, जानिये क्या है पूरा मामला...
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भोपाल। लहरविहीन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। प्रदेश की 230 सीटों में से करीब ढाई दर्जन हाईप्रोफाइल सीटें ऐसी भी हैं, जिन्हें आयकर विभाग ने अपने राडार पर रखा है।

इन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा के अलावा कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनावी जीत के लिए हरसंभव जतन किए। मतदाताओं को रिझाने वाले संसाधनों का भरपूर उपयोग किया। हाईप्रोफाइल सीटों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित उनके मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्रियों के और कुछ अन्य प्रतिष्ठापूर्ण क्षेत्र भी शामिल हैं। इस लिस्ट में रीवा सीट को भी शामिल किया गया है, जहाँ भाजपा के प्रत्याशी शिवराज सरकार के मंत्री राजेंद्र शुक्ल एवं कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा द्वारा भी आयकर विभाग के नजर में हैं।

परीक्षण के बाद पूछताछ

विधानसभा चुनाव का मतदान भले ही हो गया हो पर आयकर विभाग की नजर उन ढाई दर्जन चुनिंदा सीटों के साथ अन्य प्रतिष्ठापूर्ण मुकाबलों पर बनी हुई है, जहां जमकर वैभव का प्रदर्शन हुआ। विभाग अब संबंधित प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का आकलन करने के बाद मामले में अपनी आगामी कार्रवाई शुरू करेगा। विभाग का कहना है कि प्रत्याशियों ने यदि अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च किया तो उनसे पूछताछ भी हो सकती है। विभाग इसके लिए प्रत्याशियों के खर्च का ब्योरा, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और अपने खुफिया विंग की सूचनाओं का परीक्षण भी करेगा।

ये रहीं हाई प्रोफाइल 30 सीटें

रीवा, खुरई, दमोह, इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, देपालपुर, दतिया, सिलवानी, बालाघाट, भोजपुर, रहली, पवई, पन्नाा, विजयराघवगढ़, बुदनी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, पाटन, सीहोर, बैतूल, पिछोर, पाटन, सिमरिया, नरेला, सोहागपुर, बंडा, सागर एवं छतरपुर।

60 सीटों की निगरानी

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भी चुनाव के दौरान करीब 60 सीटों को आर्थिक दृष्टिकोण से संवेदनशील मानकर निगरानी कराई थी। आचार संहिता लगने के बाद वोट डलने (28 नवंबर) तक प्रदेश के सभी जिलों से करीब 30 करोड़ रुपए की नकदी भी जब्त हुई है।

इसके अलावा करीब 40 करोड़ रुपए मूल्य का सोना-चांदी, शराब, ड्रग्स और अन्य वस्तुएं भी बरामद हुईं। यह संपत्ति पांच राज्यों के चुनाव में सबसे अधिक बताई जा रही है। आयकर विभाग को नकदी और आभूषण आदि सौंपे गए हैं। विभाग अपने खुफिया तंत्र के जरिए यह पता लगाने में जुटा है कि चुनाव में कितनी रकम खर्च की गई।

हैसियत से ज्यादा खर्च किया तो आयकर करेगा पूछताछ

आयकर विभाग ने पर्यवेक्षकों और अन्य स्रोतों के जरिए विधानसभा की सभी सीटों पर हुए खर्च पर अपनी नजर रखी है। प्रत्याशियों द्वारा दाखिल चुनावी खर्च के ब्योरे का परीक्षण भी होगा। ऐसी सीटें जहां प्रत्याशियों की हैसियत से ज्यादा खर्च पाया गया तो उनसे पूछताछ भी होगी। - पतंजलि झा, प्रधान निदेशक, आयकर इंवेस्टीगेशन मप्र

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