सिंगरौली

सीएम ने सिंगरौली में महिला कर्मचारी से लेस बंधवाने वाले SDM को सिर्फ हटाया, सस्पेंड क्यों नहीं किया? जानिए...

सीएम ने सिंगरौली में महिला कर्मचारी से लेस बंधवाने वाले SDM को सिर्फ हटाया, सस्पेंड क्यों नहीं किया? जानिए...
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सिंगरौली में महिला कर्मचारी से शू लेस बंधवाने वाले SDM को सीएम डॉ. मोहन यादव ने हटा दिया है।

एमपी के सिंगरौली में महिला कर्मचारी से शू लेस बंधवाने वाले SDM को सीएम डॉ. मोहन यादव ने हटा दिया है। सीएम ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X में दी है। इसके बाद सीएम ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान इस घटना का उदाहरण देते हुए जिक्र भी किया है। उन्होने कहा, गनीमत है कि एसडीएम को सिर्फ हटाया, सस्पेंड नहीं किया।

पहले जानिए क्या है मामला...

दरअसल 22 जनवरी को सिंगरौली जिले के चितरंगी में एक मंदिर के बाहर एक महिला कर्मचारी एसडीएम असवन राम चिरावन के जूते के लेस बांधते नजर आई थी। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रही है, साथ ही फोटो भी सामने आए हैं। इस पर सीएम मोहन यादव ने एक्शन लेते हुए चितरंगी SDM को हटा दिया।

सीएम ने X पर ट्वीट कर कहा, 'सिंगरौली जिले के चितरंगी में एसडीएम द्वारा एक महिला से उनके जूते के फीते बंधवाने का मामला सामने आया है, जो अत्यंत निंदनीय है। इस घटनाक्रम को लेकर एसडीएम को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। हमारी सरकार में नारी सम्मान सर्वोपरि है।'

सीएम ने एसडीएम को सिर्फ हटाया, सस्पेंड क्यों नहीं किया

गुरुवार की सुबह सीएम मोहन यादव भोपाल में MPPSC 2019 एवं 2020 में चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने पहुंचे। इस कार्यक्रम में सीएम ने चितरंगी SDM का उदाहरण दिया और कहा कि "गनीमत है कि एसडीएम को सिर्फ हटाया, सस्पेंड नहीं किया। बीमार हैं तो छुट्टी पर चले जाते, रोका किसने है।"

सीएम ने कहा, मुझे पता चला कि उन एसडीएम साहब के पैर में कोई चोट है। यह उनकी व्यक्तिगत बात हो सकती है। लेकिन पब्लिकली इसका चित्र क्या बनेगा? यह उनसे कौन पूछने जाएगा कि वे बीमार हैं या नहीं। इम्पैक्ट पूरे समाज पर आएगा। आप भले ही बीमार हैं। आपने पब्लिकली लेस बंधवाई, फिर हम तो अपने दिन के कार्यक्रम की शुरुआत ऐसे ही करते हैं। कैसे यह बर्दाश्त कर सकते हैं। जस्टिस नहीं किया जा सकता। हम तो आपको सस्पेंड नहीं कर रहें। लेकिन वहां से तो हटा देंगे। अगली बार आपको ध्यान रहेगा कि आप क्या कर रहे हो।

महिला कर्मचारी ने कहा, स्वेच्छा से बांधा लेस

महिला कर्मचारी ने एसडीएम असवन राम चिरावन का बचाव करते हुए कहा कि वे उनकी मदद कर रहीं थी। उन्होने अपनी स्वेच्छा से उनके जूते के लेस बांधे हैं। उन्होने ऐसा करने के लिए न तो मुझे आदेश दिए और न ही दबाव बनाया था।

एसडीएम ने कहा- मैंने महिला कर्मचारी को आदेश नहीं दिए थे

एसडीएम असवन राम चिरावन ने बताया कि 30 दिसंबर को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल एनएच 39 के निर्माण कार्यों कि स्थिति जानने के लिए चितरंगी आए हुए थे। प्रोटोकॉल के अनुसार मैं भी वहां मौजूद था। उप मुख्यमंत्री ब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे, इस दौरान मेरा बाया पैर एक एंगल में फंस गया और फ्रैक्चर हो गया। मुझे चलने-फिरने, झुकने और अन्य कार्यों में तकलीफ हो रही थी।

इसके बाद 22 जनवरी को राज्यमंत्री राधा सिंह हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंची। वहां मैं भी मौजूद था। पैर फ्रैक्चर होने की वजह से मंदिर के बाहर जूते पहनने में मुझे परेशानी हो रही थी। ये देख कर वहां मौजूद महिला कर्मचारी निर्मला देवी ने मेरे जूते की लेस बांधने में मेरी मदद कि थी। मैंने उन्हे ऐसा करने का आदेश नहीं दिया था।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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