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योगी सरकार को अब नहीं होगी बिजली की कमी, एनटीपीसी सिंगरौली में जल्द ही 800 मेगावाट के प्लांट पर काम शुरू
नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (NTPC) उत्तर प्रदेश में बिजली की फिलहाल कमी नहीं होने देगा। इसके लिए एनटीपीसी टांडा में 1320 मेगावाट की यूनिट लगाने जा रहा है। इसमें एक यूनिट चालू कर दी गई है और दूसरी यूनिट अगस्त 2020 के अंतिम सप्ताह तक चालू हो जाएगी। कुल 1320 मेगावाट बिजली में 77 फीसदी बिजली उत्तर प्रदेश को मिलेगी। वहीं, बची हुई बिजली नॉर्दर्न रीजन के अन्य राज्यों को दी जाएगी। साथ ही एनटीपीसी सिंगरौली में जल्द ही 800 मेगावाट के प्लांट पर काम शुरू करने जा रहा है। यह प्लांट आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के लिए बिजली के क्षेत्र में काफी मददगार साबित होगा।
वर्तमान में टांडा स्थित एनटीपीसी की यूनिट उत्तर प्रदेश को 440 मेगावाट की बिजली आपूर्ति कर रहा है। टांडा यूनिट एनटीपीसी द्वारा 13,200 रुपये की लागत से मनाई गई है। इस यूनिट में गैस इंसुलेटेड सब स्टेशनों का निर्माण भी किया गया है, जो अभी एनटीपीसी में नहीं है। खास बात है यहां बिजली का उत्पादन कोयले की मदद से स्टीम टरबाइन से किया जा रहा है। यानी एक किलोवाट बिजली जनरेट करने के लिए 3.30 लीटर पानी का उपयोग किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल है। एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक केएस राजीव ने बताया कि टांडा के बाद सिंगरौली में यूनिट को गति देने का काम किया जाएगा।
सैकड़ों को मिलेगा रोजगार पर डिमांड भी कम
उप प्रबंधक विवेक जोशी कहते हैं चंद महिलाओं में बिजली की डिमांड काफी कम हुई है। पीक सीजन में 21000 मेगावाट की जांच यूपी में खपत होती थी। वर्तमान में 11 से 12000 मेगावाट की खपत हो रही है। ऐसे में जून-जुलाई तक या क्राफ्ट 16000 से 18000 के बीच रहने का अनुमान एनटीपीसी लगा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक नई यूनिट काफी अपग्रेड है, ऐसे में नए रोजगार युवाओं को मिलेंगे जरूर, लेकिन उनकी संख्या सिर्फ सैकड़ों में होगी। वर्तमान में 440 मेगावाट की यूनिट में 500 स्थाई और इतने ही आउटसोर्सिंग से कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार पर 2500 करोड़ की देनदारी
बिजली महकमा एनटीपीसी को हर वह बिजली का पैसा समय से अदा नहीं कर पा रहा है। क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार पर करीब 25 सौ करोड़ रुपए बकाया है। हालांकि, 31 मार्च तक उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार या भुगतान क्लियर कर देगी। बता दें, प्रदेश सरकार एनटीपीसी से 3 रुपये 40 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली करती है, जो प्रदेश में अलग-अलग लैब के हिसाब से बेची जा रही है। 500 यूनिट के ऊपर साउथ में प्रति यूनिट का बोझ को मुक्ता पर है।
26000 टन होली की खपत होगी रोज
टांडा एनटीपीसी प्लांट में 1760 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए नियमित रूप से एनटीपीसी को 26000 टन कोयले की आवश्यकता होगी। इसके लिए अभी से एनटीपीसी ने प्रयास तेज कर दिए हैं जिससे बिजली के उत्पादन में कोई बाधा ना आए।
71 लाख मीट्रिक टन राख का हुआ निस्तारण
एनटीपीसी ने बिजली उत्पादन से निकलने वाली राख के निस्तारण को लेकर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में एनटीपीसी तीन वैगन जहां खरीदने जा रहा है, वहां कई महीनों से डम राख को निस्तारित करने के लिए बनारस और युवा में लगी ब्रिक फैक्ट्री में रात का निर्यात करना शुरू कर दिया है। वही, सीमेंट बनाने वाली कंपनियों ने भी उठान शुरू कर दिया है। अब तक 71 फीसद राख का निस्तारण एनटीपीसी टांडा कर चुका है।