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अजय सिंह राहुल: हार भी गया तो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा! पार्टी राज्यसभा सांसद बना देगी, परंतु आप को कोई नहीं पूंछेगा...
सिंगरौली. सीधी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के भाषण को उन्हीं की पार्टी के एक प्रवक्ता ने सवालों के घेरे में ला दिया है। सामुदायिक भवन बैढऩ सिंगरौली में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में संबोधन के दौरान अजय सिंह की ओर से कही गई बातों पर सवालिया निशान लगाते हुए जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली के प्रवक्ता भास्कर मिश्रा ने उनसे कई सवाल किए हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर उनसे जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि इन प्रश्नों का समाधान किए बिना पार्टी की जीत संभव नहीं है। प्रवक्ता भास्कर मिश्रा के सवाल कुछ इस तरह हैं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष से किए गए प्रश्न, मांगा जवाब प्रश्न:-01 - कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भाषण में आपने कहा है कि ‘हमारा और आपका यह आखिरी चुनाव है और गड़बड़ हो गया तो हमें और आपको कोई नहीं पूछेगा’। आगे आपने कहा कि ‘हम हार भी गए तो आगे चलकर पार्टी हमें राज्यसभा सांसद बना देगी किंतु आपको कोईनहीं पूछेगा’। यह संभव है कि आपका यह आखिरी चुनाव हो। क्योंकि आप उम्र के आखिरी ढलान पर हैं। किंतु कार्यकर्ताओं और जनता के लिए आखिरी चुनाव कैसे होगा। कृपया बताने का कष्ट करें? क्या आप और आप के लोग अपने वास्तविक स्वभाव में आकर कुछ ऐसा करने वाले हैं कि लोग मतदान करने के लायक नहीं रहेंगे या फिर आपके अन्य किसी खतरनाक स्वभाव के भागी होंगे। लोग इसे धमकी समझ रहे हैं, स्पष्ट करें?
प्रश्न:-02 -आपने कहा कि चुनाव में गड़बड़ हुआ तो आपको कोई नहीं पूछेगा। महोदय, कार्यकर्ता जानना चाहते हैं कि आपने ही अपने अति करीबियों को छोडक़र आपने किसी व्यक्ति को जो कि आम और ईमानदार कार्यकर्ता है उसके बारे में जानने की कोशिश की है कि उनके घर में चूल्हा जलता है की नहीं या मीटिंग में आने के लिए अपने बच्चों के किन जरूरतों की कटौती की या यह जानने की कोशिश की कि कोईउन्हें पूछता है कि नहीं।
प्रश्न:-03 -सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह कि आपने कहा कि ‘यदि हम हारे तो हमें पार्टी राज्यसभा में भेज देगी’। इससे लोगों के मन में तीन सवाल पैदा हुआ है।
एक तो ऐसा लगता है कि चुनाव लडक़े आप लोगों पर एहसान कर रहे हैं। जबकि लोकतंत्र में और न ही जनता और न ही कार्यकर्ता ऐसा एहसान लेना पसंद करेगी। इससे पार्टी का कोई हित नहीं होगा।
दूसरा यह कि आपके मन में पहले से ही एक विकल्प है तो फिर पार्टी का टिकट क्यों खराब कर रहे हैं।
तीसरा यह कि नि:संदेह आप एक बहुत ही सक्षम व्यक्ति हैं और राज्यसभा में जा सकते हैं तो लोकसभा के टिकट के लिए इतना परेशान और दु:खी क्यों हुए और नेतृत्व को शायद निर्दलीय चुनाव लडऩे की धमकी तक दे डाले।