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Sidhi के जंगल में दहाड़ेंगे सफेद बाघ, राज्य सरकार ने दी सहमति

Sidhi के जंगल में दहाड़ेंगे सफेद बाघ, राज्य सरकार ने दी सहमति
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Sidhi News: सीधी के जंगल में रखे जाएगे सफेद बाघ.

सीधी (Sidhi News): अपने अद्भुत सुंदरता के चलते दुनिया भर में अपनी जगह बनाने वाले सफेद बाध मोहन के वशंजों को एक बार फिर उनके गर्भगृह में जगह मिलने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में सफेद बाघों की दहाड़ सीधी जिले के संजय डुबरी टाइगर रिजर्व में सुनाई देगी।

जानकारी के तहत राज्य सरकार ने संजय डुबरी टाइगर रिजर्व में सफेद बाघों को बसाने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। प्रदेश के जू में मौजूद सफेद बाघों की ब्रिडिंग कराने के बाद उनसे होने वाले शावकों को जंगल के हिसाब से तैयार किया जाएगा और फिर खुले जंगलों में छोड़ा जाएगा।

यहा है सफेद बाघ

जानकारी के तहत विंध्य क्षेत्र के रीवा-सतना जिले के सीमा पर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव मुकुंदपुर टाइगर सफारी, इंदौर, ग्वालियर और भोपाल में सफेद बाघ विचरण कर रहे हैं। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी सफेद बाघों को लाने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे कि उनके आपस में जींस क्रास की कोई समस्या न हो सके।

मुकुंदपुर टाइगर सफारी का तैयार होगा जोड़ा

संजय डुबरी टाइगर रिजर्व में बाघों को बढ़ाने के लिए जो योजना वन विभाग ने बनाई है उसके तहत महाराजा मार्तण्य सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिडिय़ाघर मुकुंदपुर रीवा में मौजूद सफेद बाघ और बाघिन के शावकों को का एक जोड़ा जंगली बनाया जाएगा और इसके बाद उन्हें सीधी के जंगल में छोड़ा जाएगा।

बताया गया है कि छोड़ने जाने वाले बाघ वन विभाग की निगरानी में रहेगे और रेडियों कालर के जरिए वन विभाग उन पर नजर बनाएगा। बताया गया है कि बाघो को लेकर वन विभाग पहले भी ऐसे प्रयोग कर चुका है और उसके अच्छे परिणाम भी सामने आए है।

रीवा महाराज ने राजसी ठाट-बाट से की थी परवरिश

सीधी जिले के जंगलों में 71 वर्षो पहले 1951 में पहली बार सफेद बाघ का शावक सामने आया और रीवा महाराज मार्तण्ड सिंह जूदेव ने इसकी परवरिश पूरे राजसी ठाट-बाट से की थी। वे शावक को गोविंदगढ़ किले में रखे और इस शावक का नाम उसके मोहनी सुंदरता के चलते मोहन रखा था। माना जाता है कि इसी बाघ की संतानें देश और दुनिया में पहुंची है।

71 वर्ष बाद उसके घर में बसाने की तैयारी

संजय दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी में 71 वर्ष बाद सफेद बाघों का बसेरा बनने की तैयारी की जा रही है। इस परियोजना में पांच से सात वर्ष का समय लगेगा। इस परियोजना को वाइल्ड लाइफ मुख्यालय विशेष परियोजना में शामिल करते हुए ऐक्शन प्लान भी तैयार कर रहा है।

वन विभाग के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ आलोक कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताए कि संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में सफेद बाघ को बसाने के लिए सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। युवा सफेद बाघ लाकर ब्रीडिंग कराई जाएगी। इसके लिए शावकों को पहले तैयार किया जाएगा और फिर खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

सांसद ने कहा घर वापसी पर होगा जोरदार स्वागत

सीधी सांसद रीति पाठक ने बताया कि उन्हे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि सफेद बाघों की घर वापसी हो रही है। इसके लिए सरकार को वे धन्यवाद देगी और बाघो के धर वापसी पर उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा।

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