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सीधी पुलिस की टेढ़ी करतूत: पत्रकार सहित कलाकारों को थाने में नंगा किया और फोटो इंटरनेट में डाल दी

सीधी पुलिस की टेढ़ी करतूत: पत्रकार सहित कलाकारों को थाने में नंगा किया और फोटो इंटरनेट में डाल दी
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पत्रकार सहित कलाकारों के कपडे उतरवाकर थानेदार ने साबित कर दिया कि उनके लिए भारत का संविधान मनाये नहीं रखता

सीधी में पत्रकार से बदसलूकी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले की पुलिस ने टेढ़ा काम किया है. पुलिस ने एक साथ कई कलाकारों और पत्रकार को थाने में ले जाकर और उनके कपडे उतरवाकर एक कतार में खड़ा कर दिया। अपनी बहादुरी की मिसाल देने के लिए पुलिस ने उनकी नग्न अवस्था में फोटो खींची और सोशल मीडिया में अपलोड करके के भारत के संविधान, हाईकोर्ट के आदेश और मौलिक अधिकारों की धज्जिया उड़ा दीं.

सीधी पुलिस ने साबित कर दिया कि उनके लिए देश का कानून कोई मायने नहीं रखता है. वो खुद ही मजिस्ट्रेट हैं और खुद दंडाधिकारी। जिन कलाकारों के साथ ऐसी बेहूदा हरकत की गई है उनपर बीजेपी विधायक के खिलाफ प्रोटेस्ट करने का आरोप है। इसी लिए पुलिस ने उन्हें नंगा कर दिया। जिन कलाकारों और पत्रकार के साथ ऐसा बर्ताव किया गया है वह रंगमच के आर्टिस्ट हैं और कनिष्क नाम के एक पत्रकार हैं

जिस पत्रकार के साथ सीधी सिटी कोतवाली पुलिस ने बदसलूकी की है वो अपने दोस्त और रंगमच आर्टिस्ट नीरज कुंदेर की गिरफ़्तारी को लेकर प्रोटेस्ट में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. जहां पुलिस ने अन्य प्रोटेस्ट कर रहे कलाकारों और पत्रकार को अरेस्ट कर लिया






ट्विटर में कई लोग सीधी पुलिस की इस बेहूदा कार्रवाई के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की है. और यह ऐसी सज़ा है जो किसी कानून के किताब में नहीं लिखी है। लोग पूछ रहे हैं कि पुलिस को कौन से कानून ने पत्रकारों या किसी भी आम नागरिक को नंगा करके उनकी फोटो इंटरनेट में डालने का अधिकारी देती है।

  • ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि इन यूट्यूब पत्रकारों ने बीजेपी MLA केदारनाथ शुक्ला नाम के नेता के खिलाफ न्यूज़ चलाई थीं. जिससे MLA साहेब नाराज हो गए और थानेदार को तुरंत उनके खिलाफ न्यूज़ चलाने वाले पत्रकार को सबक सिखाने के निर्देश दे दिए.

सच्चाई क्या है

पता चला है कि सीधी जिले के फेमस स्टेज परफॉर्मर नीरज कुंदेर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था, नीरज पर फेक आईडी बनाकर विधायक को बदनाम करने के आरोप में पुलिस ने उसे पकड़ा था और पीटा था.


अब कलाकार के समर्थन में कई लोग खड़े हो गए, नीरज के दोस्त और साथी कलाकार उनकी गिरफ़्तारी के खिलाफ थाने के बाहर प्रोटेस्ट करने लगे. उन कलाकारों से साथ कनिष्क तिवारी नाम के पत्रकार को भी पुलिस थाने लेकर चली गई. जहां उन सभी को पीटा गया और कपडे उतरवाकर फोटो खींची गई और उसे इंटरनेट में डाल दिया गया. ऐसे आरोप हैं की सीधी सिटी कोतवाली के टीआई मनोज सोनी ने ये सब विधायक और उनके भतीजे के इशारे पर किया।

पुलिस ने गलियां दी, कपडे उतारे और बेरहमी से पीटा

खैर ऐसा करना पुलिस का मूल काम है. किसी को गालियां दिए बगैर इनका दिन नहीं गुजरता है, पीटना तो इनके लिए मनोरंजन का काम है और कपडे उतार कर किसी को जलील करना इनकी फेवरेट जॉब है। पंजाब केसरी न्यूज़ चैनल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सीधी पुलिस ने बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के कहने पर पत्रकर को ना सिर्फ गलियां बकी, बल्कि उनके कपडे उतरवाकर उन्हें जलील किया और लॉकअप में बंद कर बेरहमी से पीटा।



सीधी जिले के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पाठक ने भी ट्वीट करते हुए पुलिस की इस घटिया कार्रवाई के खिलाफ लिखा है


कौन है विधायक केदारनाथ शुक्ला


ये सीधी से 4 बार से विधायक हैं. वरिष्ठ नेता हैं. जब शिवराज सरकार ने रीवा जिले के देवतालाब विधानसभा से चुनाव जीतने वाले विधयाक गिरीश गौतम को मध्य प्रदेश का विधानसभा अध्यक्ष बनाया था तब इन्होने इसका खूब विरोध किया था. पत्रकारों को पुलिस से पिटवाने के लिए इन्ही विधायक पर आरोप लग रहे हैं. (बस विधायक जी हमें न जेल भेजिएगा हम तो ऐसे ही लिखते हैं, बोले तो राइट तो स्पीक और एक्सप्रेशन नाम की चीज़ है)


Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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