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SIDHI : कोरोना ने माता-पिता को छीना, अनाथ बच्चों के लिये नाथ बनी सरकार

News Desk
13 Jun 2021 4:48 PM GMT
SIDHI : कोरोना ने माता-पिता को छीना, अनाथ बच्चों के लिये नाथ बनी सरकार
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सीधी। कोरोना की दूसरी लहर कई बच्चे अनाथ हो गये हैं। उनका कोई सहारा नहीं रहा। ऐसे बच्चों के लिए मध्यप्रदेश सरकार नाथ बनकर खड़ी है। उनकी हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार है। ऐसे ही मामले की एक जानकारी सामने आई है जिसमें अनाथ बच्चों के लिये सरकार ने 5-5 हजार रुपये की मासिक सहायता स्वीकृत की है।

सीधी। कोरोना की दूसरी लहर कई बच्चे अनाथ हो गये हैं। उनका कोई सहारा नहीं रहा। ऐसे बच्चों के लिए मध्यप्रदेश सरकार नाथ बनकर खड़ी है। उनकी हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार है। ऐसे ही मामले की एक जानकारी सामने आई है जिसमें अनाथ बच्चों के लिये सरकार ने 5-5 हजार रुपये की मासिक सहायता स्वीकृत की है।

आपको बता दें कि सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के तीन बच्चे अपने माता-पिता को कोरोना महामारी में खो चुके हैं। जिनके पालन पोषण, परवरिश और उज्ज्वल भविष्य बनाने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार ने ली है। जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा लागू मुख्यमंत्री कोविड.19 बाल कल्याण योजना के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी के ग्राम जूरी में कोरोना महामारी के दौरान माता-पिता को खोने वाले तीन सगे भाई बहनों को पांच-पांच हजार रुपये मासिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। सहायता राशि बालकों तथा उनके संरक्षक के संयुक्त बैंक खाते मे शासन द्वारा सीधे हस्तांतरित की जाएंगी। उक्त तीनों बच्चों को खाद्य सुरक्षा व मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोई नहीं देखभाल करने वाला

योजना के अंतर्गत बाल हितग्राहियों की माता की मृत्यु वर्ष 2017 में हो गई थी और पिता की मृत्यु कोरोना महामारी से मई 2021 मे होने से उनका देखभाल और संरक्षण करने वाला कोई भी घर में नहीं बचा था। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास अवधेश सिंह ने बताया कि बाल हितग्राहियों के विस्तारित परिवार के सदस्यों से चर्चा की गई तथा परियोजना अधिकारी कुसमी के माध्यम से संभावित संरक्षकों व रक्त संबंधियों का गृह अध्ययन कराया गया। जिसके आधार पर बाल कल्याण समिति सीधी द्वारा बाल हितग्राहियों के नाना-नानी को वैध संरक्षक घोषित किया गया है।

सरकार का ये है प्रावधान

मुख्यमंत्री कोविड.19 बाल कल्याण योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी परिवारों के ऐसे बच्चों को लाभांवित किए जाने का प्रावधान है जिनके माता.पिता दोनों की मृत्यु एक मार्च से 30 जून 2021 के मध्य हुई हो अथवा माता.पिता मे से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो चुकी हो और दूसरे की मृत्यु मार्च 2021 से जून 2021 के मध्य हुई हो।

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