सीधी

एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लकड़ी चोर के साथ बैठकर खाना खाया, उसकी पीठ थपथपाई, सेल्फी भी खिंचवाई

एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लकड़ी चोर के साथ बैठकर खाना खाया, उसकी पीठ थपथपाई, सेल्फी भी खिंचवाई
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MP CM Shivraj Singh Chouhan Ke Sath Chor Ki Selfi: शायद सीएम चौहान को मालूम नहीं था कि उनके बगल में बैठा शख्स चोरी का आरोपी है

MP CM Shivraj Singh Chouhan ate food sitting with wood thief: मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके बदल में बैठे एक शख्स को फोटो खूब वायरल हो रही है. सीएम चौहान उस शख्स के साथ सेल्फी खिंचवाते हैं, उसकी पीठ थपथपाते हैं और उसके बगल में बैठकर खाना भी खाते हैं. बाद में मालूम हुआ कि जिस व्यक्ति के साथ सीएम चौहान बैठे थे वो चोरी का आरोपी है.

मामला 15 अप्रैल का है, मध्य प्रदेश के सीधी जिले के गोतरा गांव में सीएम चौहान भू अधिकार पत्र वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम पंगत में खाना खाने बैठे, उनके बदल में एक युवक आकर बैठ गया. उसने सीएम के बगल में बैठकर खाना खाया, उनके साथ सेल्फी खींची और मुख्य मंत्री ने इस शख्स की पीठ भी थपथपाई। एमपी सीएम अपने चाहने वालों से इसी तरह मिलते हैं मगर यहां मामला कुछ और ही है

सीएम चौहान की सुरक्षा में चूक

इस फोटो के वायरल होने के बाद सीधी पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. जनता पूछ रही है कि आखिर एक चोरी के आरोपी को सीएम के बगल में कैसे बैठने दिया गया? रिपोर्ट के मुताबिक सीएम के साथ खाना खाने और सेल्फी लेने वाले इस युवक का नाम अरविन्द गुप्ता है. को लकड़ी चुराने के आरोप में 8 अप्रैल को जेल गया था और 10 अप्रैल को रिहा भी हो गया था.

7 अप्रैल को अरविन्द गुप्ता और जय प्रकाश गुप्ता बाइक में लकड़ी लेकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने दोनों को रोक लिया, बाद में मालूम हुआ कि दोनों आरोपी चोरी की लकड़ी को किसी पवन सिंह नामक व्यक्ति के घर लेकर जा रहे थे. वन विभाग ने छापा मारा तो पवन सिंह के घर से 43 लकड़ियां बरामद हुई. जिसके बाद दोनों आरोपियों को 8 अप्रैल को सज़ा हुई. लेकिन 10 अप्रैल को वह बेल पर छूट गए

लोग कह रहे हैं कि एक लकड़ी चोर जो अभी-अभी जेल से छूट कर लौटा है वह मध्य प्रदेश के सीएम के साथ पंगत में बैठकर खाना खा रहा है. पुलिस उस वक़्त क्या कर रही थी. क्या ऐसे आरोपियों का सीएम के बगल में बैठकर खाना खाना और सेल्फी लेना सीएम की सुरक्षा में चूक नहीं है?


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