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KBC में जीतने से दूर रह गईं तो करोड़पति बनने रीवा-सिंगरौली रेल लाइन में कर डाला बड़ा घोटाला

1 हेक्टेयर जमीन, 28 नामांतरण, रेलवे में नौकरी दिलाने के अधिसूचना के बाद जोड़ दिए नाम, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने दर्ज किया मामला
रीवा। कौन बनेगा करोड़पति वर्ष 2011 में 5 करोड़ जीतने से दूर रही और पचास लाख लेकर लौटी चुरहट तहसीलदार अमिता सिंह ने करोड़पति बनने नया तरीका खोज निकाला। वह था रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में नौकरी देकर पैसा कमाने का। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने तहसीलदार सहित 46 लोगों पर एफआइआर दर्ज कर किया है। इससे रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में मुआवजा वितरण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। अन्यथा रेलवे को 8 करोड़ से अधिक का भुगतान करना पड़ सकता था।
रेलवे लाइन में जमीन अधिग्रहण करने के साथ किसान के परिवार के सदस्य को रेलवे में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दी जा रही है। रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए राजस्व अधिकारियों ने जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने के बाद नियम विरुद्ध तरीके से लोगों के जमीन का नामातंरण कर भू स्वामी बनाया है। इसमें हैरान करने वाली बात यह है ग्वालियर एवं पन्ना में रहने वालों के नाम जमीन का नामांतरण करने का आदेश जारी किया कर दिया। चुरहट तहसील अतंर्गत ग्राम नकवेल में रामानुज विश्वकर्मा की एक हेक्टेयर जमीन का एक दिन के अंदर 28 नामांतरण आदेश तहसीलदार ने जारी कर दिए हैं। एक दिन में एक ही जमीन में इतने नामातंरण आदेश जारी करने पर हंगामा हुआ तो आनन-फानन में नियम विरुद्ध तरीके से तहसीलदार अपने ही आदेश को निरस्त कर दिया है। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि इस तरह नियम विरुद्ध तरीके से नामांतरण आदेश जारी कर लगभग 8 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा भुगतान होना था। लेकिन भुगतान के पहले ही शिकायत की जांच पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने तहसीलदार अमिता सिंह एवं जमीन खरीदी व बेचने वाले 46 लोगों पर मामला दर्ज किया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा- बताया जा रहा है कि रेलवे में अधिसूचना के बाद अचानक मुआवजा धारकों की संख्या बढऩे के बाद हड़कंम मच गया। वहीं स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इस मामले में कलेक्टर द्वारा एसडीएम से जांच कराने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर अपर कमिश्नर की जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसीलदार को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले की प्रारंभिक जांच में आर्थिक अपराध धारा 420 एवं 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नौकरी देने के नाम बड़ा गिरोह बताया जा रहा है रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन में बड़ा गिरोह राजस्व अधिकारियों के संरक्षण में काम कर रहा है। इसमें मुआवजा बढ़ाने के लिए रेलवे लाइन के आसपास मकान एवं अन्य निर्माण दिखाकर मुआवजे की राशि अधिक बढ़ा रहे हैं। इसके लिए पूरा गिरोह, सतना , रीवा , कटनी, मुरैना, ग्वालियर, पन्ना में काम कर रहा है। बताया गया है कि इसके लिए पचास हजार से एक लाख रुपए तक लिए गए हैं।
फर्जीवाड़े में यह आरोपी शामिल मुआवजा व नौकरी के लिए फजीवाडे में अमिता सिंह परिहार तहसीलदार चुरहट, रामरती साहू निवासी ग्राम कै महाई सीधी, योगेन्द्र शुक्ला निासी ग्राम गाड़ा सतना, पराग त्रिपाठी निवासी पन्ना, शांति शिरोमणि पयासी ग्राम भेलकी, दिलीप सिंह ग्राम धुम्मा, अरविंद कुमार पटेल ग्राम पचोखर, स्वतंत्र मिश्रा ग्राम डडवरिया , प्रभाकर पांडेय देवेन्द्र नगर पन्ना, यादवेन्द्र सिंह प्रसाद पांडेय, राघवेन्द्र पांडेय , द्वारिका प्रसाद गुप्ता, निवासी चुरहट, रजनीश पटेल ग्राम सोनौरा रीवा, राजेश प्रसाद त्रिपाठी ग्राम मौरा, किरण सिंह पटेल निवासी चुरहट, विनय कुमार पांडेय निवासी कटनी, मृगेन्द्र सिंह परिहार सतना, दीपेश पांडेय कटनी, गौरव सिंह पटेल नकबेल, हिमांशु सिंह परिहार सतना, विजय कुमार कारपेंटर नकबेल, जानकी प्रसाद ग्राम मौरा, सुलोचना सिंह सतना, राममनोहर साहू, लव सिकरवार मुरैना, शैलेन्द्र सिंह ग्वालियर, अनुराग सिंह मुरैना एवं आदित्य प्रताप सिंह ग्राम भोनपुरा व अन्य शामिल हैं।
मड़वा में 32 लोगों के नामांतरण रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में हाल ही में मड़वा में 32 लोगों के गलत नामांतरण कराकर नौकरी लेने का मामला सामने आया है। विधान सभा में उठाने के बाद अब राजस्व अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
दर्ज हुआ है अपराध रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में मुआवजा व नौकरी लेने के लिए नियम विरुद्ध नामांतरण करने के मामले सामने आए हैं। इसमें तत्कालीन तहसीलदार चुरहट सहित ४६ लोगों पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। -राजेश दंडोतिया, एसपी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ