सीधी

एमपी के सीधी में जांच टीम ने किया परीक्षण, 13 प्रतिशत धान मिली अमानक

Sanjay Patel
8 Jan 2023 10:09 AM GMT
एमपी के सीधी में जांच टीम ने किया परीक्षण, 13 प्रतिशत धान मिली अमानक
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प्रदेश के सीधी जिले में अमानक धान पाए जाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद धान खरीदी केन्द्र बघवार में धान की जांच के लिए टीम का गठन किया गया।

प्रदेश के सीधी जिले में अमानक धान पाए जाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद धान खरीदी केन्द्र बघवार में धान की जांच के लिए टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा बघवार खरीदी केन्द्र एवं स्लोक गोदाम रामपुर में रखी धान का परीक्षण किया गया। टीम को जांच के दौरान 13 प्रतिशत धान अमानक मिली।

धान की बूसी सहित बालू-पत्थर भी मिले

सीधी के बघवार धान खरीदी केन्द्र में अमानक धान पाए जाने के बाद इसकी जांच के लिए उमाकांत उमराव प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल और कलेक्टर सीधी द्वारा संयुक्त जांच टीम गठित कर जांच कराई गई। भोपाल एवं सीधी के जांच दल द्वारा सबसे पहले स्लोक गोदाम रामपुर नैकिन में रखी धान का परीक्षण किया। जिसके बाद हनुमते महिला स्व सहायता समूह की धान देखी गई। इसके बाद टीम बघवार धान खरीदी केन्द्र पहुंची और धान का परीक्षण किया। जांच के दौरान टीम ने यह पाया कि 13 प्रतिशत धान अमानक है। इतना ही नहीं धान के बोरों में धान की बूसी, रेत एवं छोटे पत्थर भी परीक्षण के दौरान टीम को मिले हैं।

यहां की टीमों ने की जांच

ब्ताया गया है कि बघवार में पाई गई अमानक धान का परीक्षण करने भोपाल, सतना एवं सीधी के विशेषज्ञों की टीम धान खरीदी केन्द्र पहुंची। भोपाल से आए आरबी एसोशिएट के रिजनल कोऑर्डिनेटर मो. शकील की मानें तो शासन द्वारा क्षतिग्रस्त एवं बदरंग धान अमानक की सीमा 5 प्रतिशत निर्धारित की गई है। टीम द्वारा बघवार एवं स्लोक गोदाम रामपुर नैकिन में रखी धान की जांच की गई जिसमें व्यापक पैमाने पर अमानक धान मिली। अधिकांश धान कार्बनिक मापदंड 1 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत, अकार्बनिक 1 प्रतिशत के स्थान पर 5.5 प्रतिशत, अपरिपक्व एवं सिकुड़े दाने 3 प्रतिशत के स्थान पर 7.2 और क्षतिग्रस्त, बदरंग, अंकुरित एवं घुने दाने 5 प्रतिशत के स्थान पर 13 प्रतिशत अमानक पाए गए। जांच टीम में आरबी एसोशिएट भोपाल के रिजनल कोऑर्डिनेटर मो. शकील, निरीक्षक अविनाश सिंह परिहार सतना, जिला सुपरवाइजर अखिलेश साहित्य एवं जिले के नागरिक आपूर्ति निगम एवं मध्यप्रदेश स्टेट वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के अधिकारी शामिल थे।

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