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सीधी बस हादसे को लेकर बड़ा खुलासा! मोबाइल में मशगूल था ड्राइवर, स्पीड ब्रेकर में उछली बस और नहर में समा गई

SIDHI BUS ACCIDENT / सीधी जिले में मंगलवार 16 फ़रवरी को हुए बस हादसे में 54 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में 7 लोग ही जिन्दा बच पाए थे. इसी हादसे में बचे चश्मदीद सुरेश गुप्ता ने घटना के सम्बन्ध में मीडिया को जानकारी दी है. 62 वर्षीय सुरेश ने बताया कि बस चलाने के दौरान ड्राइवर मोबाइल में मशगूल था, बस तेज रफ़्तार में थी, एक हाथ से मोबाइल और दुसरे से बस की स्टेरिंग पकड़ा हुआ था. इसी बीच नहर के पास स्पीड ब्रेकर आया और बस उछालते हुए नहर में गिर गई. बस चालक उन 7 लोगों में से है, जो हादसे में बच गया था. वह बस के नहर में गिरने के तुरंत बाद ही बस से निकलकर तैरकर बाहर आ गया एवं घटनास्थल से भाग गया था.
बता दें शनिवार को हादसे में आखिरी लापता युवक का शव भी मिल चुका है, शुक्रवार तक 53 शव मिल चुके थें, शनिवार को एक और शव मिलने के बाद हादसे में मृतकों की संख्या 54 हो गई है इसके साथ ही SDRF की टीम ने रेस्क्यू भी बंद कर दिया है.
ड्राइवर की गलती थी - सुरेश गुप्ता (हादसे में जिन्दा बचे बस यात्री)
हादसे में जिन्दा बचे बस यात्री रामपुर नैकिन निवासी सुरेश गुप्ता ने बताया कि हादसे की वजह बस चालक है. सुरेश बिजली विभाग में कर्मचारी हैं. उन्होंने हादसे में अपनी बहू व पोते को खो दिया. वे दोनों को लेकर नागौद की ओर जा रहें थें, जिसके लिए उन्होंने रामपुर नैकिन बस स्टैंड से सतना की ओर जा रही हादसाग्रस्त परिहार ट्रैवल्स की बस पकड़ी थी.
उन्होंने बताया कि अपनी बहू पिंकी और पोते अथर्व को खो दिया जबकि उन्हें गाँव की स्थानीय युवती शिवारानी ने खींचकर बचा लिया था. उन्होंने हादसा के सम्बन्ध में जानकारी दी कि हादसा ड्राइवर की लापरवाही की वजह से हुआ था. ड्राइवर के मोबाइल पर फोन कॉल आया था, जिसके बाद वह फोन पर बात करने लगा, वह एक हाथ से बस की स्टेरिंग कण्ट्रोल कर रहा था. जैसे ही नहर के किनारे से बस गुजरने लगी, स्पीड ब्रेकर पर बस चढ़ी और रफ़्तार अधिक होने से तेजी से बस उछल पड़ी, स्टेरिंग पर एक ही हाथ होने से ड्राइवर बस को कण्ट्रोल नहीं कर सका और बस सीधी नहर में समा गई.
तेज रफ़्तार में थी बस, ब्रेकर पर उछलकर नहर में समा गई : पूर्व सरपंच
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी सरदा पटना गाँव के पूर्व सरपंच सुखिनंद विश्वकर्मा ने हादसा के सम्बन्ध में बताया कि हादसे के समय वे थोड़ी ही दूर पर मवेशिओं के साथ थें. सुखीनंद के मुताबिक़ बस तेज रफ़्तार में थी, घटना स्थल से पहले नहर की सड़क पर एक छोटा ब्रेकर है. जिस पर खटाक की तेज आवाज आई और बस उछल पड़ी, फिर साइड के पत्थर को तोड़ते हुए नहर में समा गई.
65 घंटे चला रेस्क्यू, 54 शव मिलें
मंगलवार को हुए इस वीभत्स हादसे में शनिवार तक 54 शव मिल चुके हैं, लापता शवों को खोजने के लिए SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में 65 घंटे तक जुटी रही. शनिवार को आखिरी लापता युवक का भी शव मिल गया. इसके पहले दुर्घटना के दिन 16 फ़रवरी यानी मंगलवार को देर रात तक 47 शव मिलें, बुधवार को 4, शुक्रवार को 2 और शनिवार को 1 शव मिले हैं. अब तक बस दुर्घटना में 54 लोगों के शव मिल चुके थें, जबकि 7 लोग जिन्दा बच गए थें.