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मिली गुणवक्ताविहीन निर्माण की शिकायत, सीईओ ने खुद सीसी सड़क खुदवाकर की जांच, फिर...

मप्र के सीधी जिले में गुणवत्ताविहीन निर्माण, तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच |
सीधी. ग्राम पंचायत पटेहरा खुर्द में घटिया निर्माण की शिकायत पर मौके पर पहुंचे जिला पंचायत सीइओ अवि प्रसाद ने सीसी सड़क खुदवाकर गुणवत्ता की जांच की। साथ ही गड़बड़ी मिलने पर उन्होंने विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। बताया गया, कुडिय़ा टोला में सुदूर सड़क योजना के तहत बनाई गई सीसी रोड के घटिया निर्माण की शिकायत मिली थी।
मुख्य मार्ग से विद्यालय तक 80 मीटर सीसी सड़क प्रस्तावित थी। जिपं सीइओ ने खुदाई कराने के बाद पाया कि सड़क निर्माण में अमानक सामग्री उपयोग की गई है। इसका सेंपल लेकर रीवा स्थित लैब भेजा है। साथ ही आरइएस कार्यपालन यंत्री के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम गठित कर पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा, पंच परमेश्वर सहित अन्य योजनाओं से कराए गए निर्माण कार्यों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसका प्रतिवेदन भी मांगा है।
सचिव-सरपंच पर कार्रवाई प्रस्तावित सीइओ जिला पंचायत के भ्रमण की सूचना होने के बाद भी ग्राम पंचायत के सचिव भूपेंद्र साकेत अनुपस्थित पाए गए, ग्राम पंचायत में आवास निर्माण में रुचि न लेने पर निलंबन की कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिए। इसी प्रकार ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा शासकीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि का उपयोग न करने के साथ ग्राम पंचायत के कार्यों में रुचि न लेने पर धारा 40 की कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश सीइओ जपं सीधी को दिए।
आंगनबाड़ी निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा जिला पंचायत सीइओ अवि प्रसाद के प्रतिवेदन पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर दिलीप कुमार ने बहेरा पंचायत की तत्कालीन सरपंच सविता साकेत व सचिव राजकुमारी सिंह को मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर वसूली संबंधी नोटिस जारी किया है। उन पर 3.59 लाख के गबन का आरोप है।
बताया कि वर्ष 2012-13 में बीआरजीएफ योजना के तहत आंगनबाड़ी निर्माण के लिए पांच लाख रुपए आहरित कर महज 1.41 लाख का काम कराया था। 3.59 लाख रुपए से न तो निर्माण कराया गया न ही पंचायत के खाते में जमा किया। इस पर सीइओ ने शासकीय राशि के गबन का प्रतिवेदन तैयार कर कार्रवाई के लिए कलेक्टर दिलीप कुमार को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। उन्होंने 5 नवंबर को न्यायालय में तलब कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।