सीधी

पिता रहे केंद्रीय मंत्री और CM तो बेटा नेता प्रतिपक्ष, 40 सालों से कांग्रेस का कब्ज़ा, फिर भी क्षेत्र की हालत दयनीय

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:02 AM GMT
पिता रहे केंद्रीय मंत्री और CM तो बेटा नेता प्रतिपक्ष, 40 सालों से कांग्रेस का कब्ज़ा, फिर भी क्षेत्र की हालत दयनीय
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सीधी जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं पर प्रदेश भर की निगाहें यहां की चुरहट सीट पर होती है। इस सीट में 40 वर्षों से कांग्रेस का कब्जा है। चुरहट सीट ने देश को एक केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश को मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दिया फिर भी आज विकास के दौर पर यह क्षेत्र जातिवाद और पिछड़ेपन के रोग से ग्रस्त नजर आ रहा है।

स्व. कुंवर अर्जुन सिंह यूपीए की सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहें, वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय एवं विन्ध्य के सबसे कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते रहें। इसके पूर्व उन्होने मध्यप्रदेश के सीएम पद की भी जिम्मेदारी सम्हाली थी। अपने नेता को चुरहट की जनता ने सीएम के रूप में देखा और विकास का विश्वास रखा फिर भी जनता को निराशा हांथ लगी। अब 20 वर्षों से उनके पुत्र अजय सिंह राहुल चुरहट की सत्ता सम्हाल रहें, वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम पद के प्रबल दावेदार भी हैं। परंतु यहां की जनता भाजपा-कांग्रेस की इस राजनैतिक चक्की में पिसती जा रही है। यहां की जनता न तो बदलाव के पक्ष में दिख रही और न ही अपने लोकप्रिय नेता की वह खिलाफत का विचार कर रही पर अब उनके पास कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा।

चुरहटवासी मात्र अपने क्षेत्र का पिछड़ापन समाप्त कराना चाहते है। उनकी चाह महज सड़क, बिजली और पानी की है। दरअसल, सिंगरौली अलग होने के उपरांत से सीधी और अधिक पिछड़ता चला गया, वहीं चुरहट क्षेत्र में आज भी सड़क, बिजली, पानी नहीं है, जबकि पूरे देश में सड़कों का जंजाल, भरपूर बिजली और पानी की सुविधाएं उपलब्ध हो रही है।

यहां की जनता यह जानना चाहती है आखिर क्या कारण है कि हमारे क्षेत्र को ही पूरे प्रदेश में जानबूझकर पछाड़ा जा रहा है। कांग्रेस की सरकार रही सीएम भी हमारे थें, तब भी हमें कुछ नहीं मिला और अब शायद सत्ता भाजपा की है और हमारा विधायक कांग्रेसी है इसलिए कुछ नहीं मिला।

बहरहाल रीवा से सीधी की ओर जाने का विचार कर रहें हैं तो रीवा से निकलने वाली वाया गुढ़ सीधी मार्ग में सनसनाती एक्सप्रेस सड़क के बाद आपको चुरहट से मुंह बांधकर गुजरना होगा, कहीं ऐसा न हो की यहां की धूल आपकी जवानी को दबाकर बुढ़ापे का दर्शन करा दे। गड्ढे, अतिक्रमण युक्त धूल से भरी हुई सड़क से जो आपको गुजरना है।

चुनावी दृष्टिकोण :

जातिगत समीकरण विधानसभा क्षेत्र में सवा दो लाख से अधिक मतदाता हैं। ब्राह्मण, क्षत्रिय, पिछड़ा वर्ग के मतदाता हैं। पिछड़ा वर्ग के सबसे अधिक मतदाता हैं, जिनमें पटेल जाति के वोटर शामिल हैं। यही वर्ग पार्टी की हार-जीत तय करता है।

दोनों प्रतिद्वंद्वी जनता के बीच रहे यहां से कांग्रेस विधायक अजय सिंह हैं। वे लगातार लोगों के संपर्क में रहते हैं। उनकी समस्याओं का निराकरण कराते हैं। भाजपा के शरदेंदु तिवारी हैं, इस बार भी मैदान में हैं। वे भी जनता के बीच रहे।

प्रमुख समस्याएं सड़कों की स्थिति खराब अतिक्रमण से जाम की स्थिति। अस्पताल में डॉक्टर और अत्याधुनिक उपकरणों की कमी। रोजगार नहीं। पढ़ाई के लिए अच्छा कॉलेज नहीं।

2013 में हार जीत का अंतर अजय सिंह, कांग्रेस 71796 शरदेंदु तिवारी, भाजपा 52440 जीत का अंतर 19356

Aaryan Dwivedi

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