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रीवा लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: पंचायत सचिव ₹15,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, नल-जल योजना के बिल पास करने के एवज में मांगे थे 25 हजार

- शहडोल जिले के सोहागपुर जनपद की ग्राम पंचायत पोंगरी में रीवा लोकायुक्त की कार्रवाई।
- नल-जल योजना के बिल पास कराने के एवज में मांगी थी 25 हजार की रिश्वत।
- रीवा लोकायुक्त टीम ने पंचायत सचिव को 15 हजार रुपए लेते पकड़ा।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, जांच जारी।
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में बढ़ते भ्रष्टाचार और घूसखोरी के खिलाफ लोकायुक्त टीम की सख्त कार्रवाई जारी है। ताजा मामला जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत पोंगरी से सामने आया है, जहां पंचायत सचिव को नल-जल योजना का बिल पास करने के बदले 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
शिकायत से लेकर कार्रवाई तक – कैसे हुआ खुलासा?
ग्राम पंचायत पोंगरी के उप सरपंच अमृतलाल यादव ने 28 अक्टूबर को लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि नल-जल योजना के तहत करीब ₹2.37 लाख का कार्य पूरा किया गया था। बिल का भुगतान कराने के लिए आवेदन देने पर पंचायत सचिव मंगलेश्वर मिश्रा ने ₹25 हजार की रिश्वत की मांग की थी।
लोकायुक्त रीवा टीम की त्वरित कार्रवाई
शिकायत की पुष्टि के बाद रीवा लोकायुक्त ने तत्काल जांच शुरू की। टीम ने ट्रैप प्लान तैयार किया और 30 अक्टूबर को 10 सदस्यीय विशेष दल के साथ पंचायत भवन पोंगरी में छापा मारा। इस दौरान सचिव मंगलेश्वर मिश्रा को 15 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज
लोकायुक्त टीम ने रिश्वत की राशि को जब्त कर लिया है। आरोपी सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर हेतराम मरावी ने बताया कि आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।
लोकायुक्त के बढ़ते अभियान से प्रशासन में हड़कंप
मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार मामलों को देखते हुए लोकायुक्त संगठन सक्रिय मोड में है। पिछले कुछ महीनों में रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और उमरिया जिलों में कई अधिकारी रिश्वत लेते पकड़े जा चुके हैं। बावजूद इसके अधिकारी-कर्मचारी इससे बाज नहीं आ रहें हैं।
FAQs – शहडोल रिश्वत मामला 2025 से जुड़े सवाल
1. लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई कब की?
लोकायुक्त रीवा टीम ने 30 अक्टूबर 2025 को पंचायत भवन पोंगरी में ट्रैप कार्रवाई की थी।
2. आरोपी पंचायत सचिव का नाम क्या है?
आरोपी पंचायत सचिव का नाम मंगलेश्वर मिश्रा है, जिन्हें रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया।
3. रिश्वत की रकम कितनी थी?
नल-जल योजना का बिल पास करने के एवज में ₹15,000 की रिश्वत तय हुई थी।
4. मामला किस कानून के तहत दर्ज किया गया?
यह केस भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7 के तहत दर्ज हुआ है।
5. क्या आगे और कार्रवाई होगी?
लोकायुक्त टीम ने आगे की जांच और कार्रवाई जारी रखी है। संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है।
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