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शहडोल कमिश्नर की पहल लाई रंग, 12 दिन में बच्चों के बैग का वजन हुआ आधा

शहडोल कमिश्नर की पहल लाई रंग, 12 दिन में बच्चों के बैग का वजन हुआ आधा
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MP Shahdol News: शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा के प्रयास से बच्चों में बैग का वजन कम होने से काफी खुशी देखी जा रही है।

MP Shahdol News: शहडोल कमिश्नर ने वह कर दिखाया जिसके लिए नियम तो काफी बने हुए हैं लेकिन उनका धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है। हम बात कर रहे हैं बच्चों के बैग के बढ़ते वजन। इस पर राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार द्वारा भी कई नियम बनाए गए हैं लेकिन इनका पालन शासकीय विद्यालयों में कुछ हद तक होता भी है तो निजी विद्यालय तरह तरह की किताबें लगाकर बच्चों के बैग का वजन उनसे दुगना कर दिए हैं। इस पर शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने 12 दिन में बच्चों के बैग का वजन आधा कर दिया। इसके लिए उन्होंने एक अभियान चलाया जिसमें विद्यालय के प्राचार्य शिक्षक, शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी सभी ने भरपूर सहयोग दिया।

बच्चों को दिया स्वतंत्रता दिवस का तोहफा

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा दिया है। उन्होंने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर एक मुहिम छेड़ी। जिसकी शुरुआत 1 अगस्त से की गई। 12 अगस्त तक बच्चों के बैक का वजन लगभग आधा कर दिया गया है। शहडोल संभाग में अपने संभाग के बच्चों को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर बैग का वजन कम कर गिफ्ट दिया है। बच्चों में बैग का वजन कम होने से काफी खुशी देखी जा रही है। स्वतंत्रता दिवस के 75वें दिन के पूर्व बच्चों को व्यर्थ के बोझ से मुक्त कराया गया है।

क्या है नियम

School Bag Weight Rule: जानकारी के अनुसार बच्चों के स्कूल बैग के वजन को लेकर सरकार द्वारा कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बच्चों के कुल वजन का 10 प्रतिशत स्कूल बैग का वजन होना चाहिए। इससे अधिक वजन होने पर स्कूल पर नियमन शिक्षा विभाग द्वारा निगरानी करते हुए कार्यवाही करनी चाहिए। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था।

प्रदेश में पहले स्थान पर शहडोल संभाग

मध्यप्रदेश में शहडोल संभाग बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम करने में सबसे पहले स्थान पर है। यह सब कमिश्नर राजीव शर्मा (Commissioner Rajeev Sharma) तथा शिक्षा विभाग के परस्पर प्रयास से संभव हो पाया है। अब देखना यह है कि प्रदेश के अन्य संभाग शहडोल मे किए गए इस प्रयास को कितना अपनाते हैं। क्या प्रदेश के अन्य संभाग और जिले के बच्चों को भी अपने बस्ते के वजन कम होने का सुख प्राप्त होगा या नहीं।

बैग रहित हुए प्री प्राइमरी स्कूल के बच्चे

जानकारी के अनुसार प्री प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बैग का वजन 2 से 3 किलो था। जिसे अब बैग रहित कर दिया गया है। वहीं निजी स्कूलों में जो वजन 7 से 8 किलो के थे उन्हें घटाकर 5 किलो तक किया गया है।

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