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सतना से चलने वाली इन ट्रेनों में हो रही भयंकर पत्थरबाजी, इन रूट पर ज्यादा पत्थरबाजी, पुलिस परेशान : SATNA NEWS

दिल्ली और जम्मू में पुलिस और आर्मी ही पत्थरबाजों से परेशान नहीं है, बल्कि रेलवे भी इनसे परेशान है। चलती ट्रेन में पत्थर बरसाए जा रहे हैं। हालांकि रेलवे की परेशानी थोड़ी अलग है क्योंकि ट्रेनों में पत्थर बरसाने वालों में बड़े नहीं बल्कि बच्चे शामिल हैं, जो खेल-खेल में चलती ट्रेन पर पत्थर बरसाते हैं और इसका शिकार कोच में सवार यात्री और इंजन ड्राइवर होते हैं।
इस समस्या का समाधान करने के लिए अब आरपीएफ रेलवे ट्रैक की सीमा में आने वाले ऐसे गांव की पहचान कर रही है, जहां पर ट्रेन में पत्थर मारने के ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके बाद वह गांव के बड़े-बुजुर्गों की मदद से बच्चों की काउंसलिंग करेगी।
इन रूट पर ज्यादा पत्थरबाजी
जबलपुर से कटनी, कटनी से सतना और जबलपुर से इटारसी के बीच चलती ट्रेन में पत्थर बरसाने के ज्यादा मामले सामने आए हैं। हाल ही में जबलपुर मंडल की सीमा में आने वाले सतना से मानिकपुर रेल रूट पर बांसापहाड़ स्टेशन के पास इटारसी-सतना-मानिकपुर पैसेंजर ट्रेन में पत्थर बरसाने का मामला सामने आया। सचिन वंदन नामक युवक ने ट्वीट कर ट्रेन में पत्थर बरसाने की जानकारी दी, जिस पर सतना आरपीएफ ने मामले की जांच की। यात्री के मुताबिक बांसापहाड़ केबिन में खड़े पैसेंजर पर पत्थर बरसाए गए।
यह कदम उठाएंगे, ताकि घटनाएं न हो
- रेलवे ट्रैक के आस-पास के गांवों को चि-ति किया जा रहा है
- गांवों में आरपीएफ के अनुभवी जवान जाकर सरपंच और बुजुर्गों से मिलेंगे
- यहां पर ट्रैक के आस-पास खेलने वाले लोगों की हरकत पर नजर रखी जाएगी
- गांव के बच्चों को पत्थर मारने की घटनाओं से जुड़ी तस्वीर दिखाई जाएंगीं
- इनकी काउंसलिंग कर ट्रेन में पत्थर मारने के परिणाम से अवगत कराएंगे
पत्थर मारने के बाद आरोपित पर क्या कार्रवाई होती है, इसकी जानकारी देंगे
ऐसे मामले भी सामने आए
जबलपुर से भेड़ाघाट के बीच कई बार सुपरफास्ट ट्रेन में पत्थर बरसाने के मामले सामने आए, जिसमें इंजन ड्राइवर को गंभीर चोट लगी साथ ही इंजन की खिड़की बुरी तरह से क्षत्रिग्रस्त हो गई। इतना ही नहीं जनरल और स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्री पत्थरबाजी से ज्यादा घायल हुए।
ट्रेनों में पत्थरबाजी के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। आरपीएफ के जवान पत्थरबाजी वाले गांवों की पहचान कर वहां के लोगों से मिलकर बच्चों की काउंसलिंग करेंगे, ताकि वह ट्रेन पर पत्थर न बरसाएं।
जे.कृपाकर, डीएससी, आरपीएफ, जबलपुर रेल मंडल




