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आतंक का पर्याय बन चुका कुख्यात डकैत 'बबली कोल' डकैतों के गैंगवार में ढेर, एक गंभीर ?

रीवा/सतना। एक दशक से ज्यादा समय से आतंक का पर्याय बना सात लाख का इनामी दस्यु बबली कोल के मारे जाने की खबर मिलते ही तराई और पाठा के जंगलों से लगे इलाकों के लोगों ने सुकून की सांस ली है। जानकारी अनुसार बबली कोल को गिरोह के नए सदस्य लाली कोल ने गोली मार दी है, इसके अलावा बबली के राइट हैंड लवलेश कोल के गंभीर रूप से घायल होने की खबर चर्चा में है।
सूत्रों की माने तो लाली कोल ने बबली को मारकर पुलिस को आत्म समर्पण भी कर दिया है। हालांकि पुलिस द्वारा अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हाल ही में हरसेड निवासी किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण कर बबली कोल ने पुलिस की नींद हराम कर दी थी।
सूत्रों की मानें तो खोवा व्यापारी से अपहरण में वसूली गई फिरौती के बंटवारे को लेकर गैंग में विवाद हुआ और एक नए सदस्य ने बबली कोल को गोली मार दी। पूरी घटना धारकुंडी थाना क्षेत्र के छतुरिहा जंगल की बताई जा रही है।
ऐसे हुआ गैंगवार : शनिवार की दरमियानी रात लगभग 200 बजे मारकुंडी थाना क्षेत्र से लगभग 10 किलोमीटर अंदर छतुरिहा के जंगल मे लाली कोल ने बबली कोल को और लवलेश को गोली मारी और खुद धारकुंडी थाना पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खाना खाने के बाद गैंग के सदस्य सो रहे थे उसी दौरान लाली ने बबली और लवलेश कोल को गोली मारी है।
सूत्रों से खबर यह भी आ रही है कि लाली कोल का गैंग में शामिल होना बबली कोल को मारने का था ।अगर ऐसा हुआ है तो पुलिस की रणनीति कामयाब होती दिख रही है ,इसके पहले भी चमरौहा के जंगल में ही सुंदर पटेल का एनकाउंटर हुआ था। प्रतापगंज मारकुंडी थाना एमपी का बॉर्डर है यहां पहुंचने के लिए रास्ता उार प्रदेश से है लेकिन यह इलाका मध्य प्रदेश की सीमा में आता है। जहां गैंगवार हुआ है, एमपी का क्षेत्र है।
गैंगवार की जानकारी लगते ही रीवा आईजी चंचल शेखर डीआईजी अविनाश शर्मा सतना एसपी रियाज इकबाल अपने दल बल के साथ धारकुंडी थाना में डेरा जमा लिया है। पूरे मामले के खुलासा करने कि अधिकारियों के द्वारा रणनीति बनाई जा रही है।




