सतना

SATNA : दो युवाओं ने मारी बाजी, एक ही कस्बे के है दोनों होनहार

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:39 AM IST
SATNA : दो युवाओं ने मारी बाजी, एक ही कस्बे के है दोनों होनहार
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सतना। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा आयोजित सिविल जज भर्ती परीक्षा 2019 के बुधवार को घोषित किए गए परिणाम में विंध्य का जलवा रहा। रीवा से चार, सतना से दो और सीधी से एक सलेक्शन हुआ। प्रदेश की टॉपर भी हमारे यहां से ही रहीं। 304 अंक के साथ रीवा की बेटी जसविता शुक्ला ने टॉप किया। रीवा से सतीश शुक्ला और श्रद्धा पाण्डेय, भाविनी सिंह और सतना से रजनीश ताम्रकार और शुभांशु ताम्रकार का सलेक्शन हुआ है। जबकि, सीधी से ऋषि तिवारी ने परीक्षा पास की है।

केस-1: शुभांशु ताम्रकार उचेहरा समर्पण व निष्ठा के साथ की पढ़ाई उचेहरा निवासी शुभांशु ताम्रकार अपनी सफलता का श्रेय मार्ग दर्शक राजेश शर्मा व अपने जीजा आशीष ताम्रकार को देते हैं। मां माधुरी व बड़े पिता रामचन्द्र ताम्रकार का भी विशेष सहयोग रहा। उन्होंने बताया कि पिता जी व्यवसाय के सिलसिले में सभागंज में रहने लगे थे। प्रारंभिक शिक्षा उचेहरा से हुई। 11वीं के बाद इंदौर चला गया। वहीं से लॉ की पढ़ाई की। परीक्षा की तैयारी को लेकर बताया कि समर्पण व निष्ठा के साथ हर दिन करीब 8 से 10 घंटी की पढ़ाई करें तो सफलता निश्चित है। चयन पर कैट जिला उपाध्यक्ष डॉ पवन ताम्रकार, मदनकान्त पाठक, लवकुश पाठक, हरीश ताम्रकार, उपेंद्र पांडेय, भरलाल ताम्रकार संतोष ताम्रकार, अशोक ताम्रकार, कोदुलाल ताम्रकार, मुबारक अली, कमलेश गुप्ता, संदीप सरावगी, मौसम निगम, सोहनलाल अब्दुल अंसारी, हर प्रसाद ताम्रकार, रामजी, अरुणेंद्र, राकेश, राजेश, रामाधार गुप्ता, उमेश, रविशंकर पाठक, कैलाश ताम्रकार, संतोष ने बधाई दी है।

केस-2: रजनीश ताम्रकार उचेहरा गलतियों से सीखता रहा व्यवहार न्यायधीश वर्ग-2 के लिए चयनित सतना के उचेहरा निवासी रजनीश ताम्रकार ने बताया कि दृढ़इच्छा व समर्पण के साथ लगातार कोशिश की जाए तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने दादा भगवती प्रसाद ताम्रकार, मार्गदर्शक राधेश्याम शर्मा व चाचा को दिया है। जबकि, ट्रांसपोर्टर पिता रमेश ताम्रकार को अपना रोलमॉडल बताया। कहा, स्कूली शिक्षा उचेहरा से की है। सतना लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई करने एक वर्ष उचेहरा और नागौद न्यायालय में पै्रक्टिस की। इस दौरान प्री एक्जाम निकल गया, लेकिन मेन एग्जाम में सफलता नहीं मिली थी। निराश नहीं हुआ और ग्वालियर जाकर तैयारी करने का निर्णय लिया। वहां पढ़ाई के दौरान भी दो बार असफल रहा, लेकिन, गलतियों से सीखता रहा और चौथे अटैम्प्ट में सफल रहा। उन्होंने बताया कि कॉम्पिटीशन टफ है, लेकिन नामुमकिन कुछ भी नहीं है।मेरी पढ़ाई हिंदी मीडियम से थी। यही वजह है कि तैयारी में समय लग गया।

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