सतना

Satna News: महापौर की टिकट नहीं मिली तो बागी हो गया BJP सांसद का भाई, विधायक सिद्धार्थ को प्रत्याशी बनाने से कांग्रेसी नाराज

Satna News: महापौर की टिकट नहीं मिली तो बागी हो गया BJP सांसद का भाई, विधायक सिद्धार्थ को प्रत्याशी बनाने से कांग्रेसी नाराज
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Satna News: दोनों पार्टियों ने सतना महापौर पद प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है. लेकिन अब भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ से विवाद तेज हो गया है.

Satna News in Hindi: सतना नगर निगम महापौर पद के लिए भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस ने जहां सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को मेयर कैंडिडेट बनाया है वहीं भाजपा ने देर रात जारी सूची में प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार को चुनाव मैदान में उतारा है. लेकिन आलाकमान के निर्णय को धता बताते हुए दोनों पार्टियों में विरोध की आवाज तेज हो गई है.

तिलमिला उठे बीजेपी सांसद के भाई, बसपा से चुनाव लड़ेंगे

देर रात भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश के 5 नगर निगमों के महापौर पद के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है. जिसमें सतना के लिए योगेश ताम्रकार को प्रत्याशी बनाया गया है. ताम्रकार प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. लेकिन योगेश ताम्रकार का सूची में नाम देखते ही सतना सांसद गणेश सिंह के भाई उमेश सिंह (लाला) तिलमिला उठे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया में अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर पोस्ट कर दिए. हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने यह पोस्ट हटा ली, लेकिन तब तक यह पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई.

क्या लिखा था उमेश सिंह लाला ने?

सतना एमपी के गणेश सिंह (Satna MP Ganesh Singh) के भाई उमेश सिंह लाला (Umesh Singh Lala) ने पार्टी के खिलाफ कड़े तेवर अपनाते हुए एक पोस्ट लिखी थी, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया. उन्होंने लिखा था, "मेरी व्यक्तिगत राजनीति को परिवारवाद की राजनीति मान कर भारतीय जनता पार्टी करती है, उपेक्षा और अनदेखी इसलिए बहुजन समाज पार्टी से लड़ूंगा चुनाव".

लाला के बगावती पोस्ट पर महापौर प्रत्याशी का रिएक्शन

उमेश सिंह लाला के बगावती पोस्ट पर बीजेपी से महापौर प्रत्याशी योगेश ताम्रकार (Yogesh Tamrakar BJP) ने बेहद ही सहज अंदाज में जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि "हमारी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है. जिसमें 18 करोड़ से अधिक कार्यकर्ता है. बड़े परिवारों में ऐसी छोटी-मोटी बाते होती रहती हैं, जिन्हे हम आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं. इसके कुछ देर बाद उमेश सिंह ने अपनी पोस्ट हटा ली है, लेकिन इस घटना के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और विपक्ष में भी खुसफुसाहट शुरू हो गई है.

सिद्धार्थ को प्रत्याशी बनाने से कांग्रेसी नाराज

इधर, कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा (Siddharth Kushwaha Congress MLA Satna) को कांग्रेस की टिकट मिली है. महापौर पद के लिए सिद्धार्थ की टक्कर योगेश ताम्रकार से होनी तय है. लेकिन सिद्धार्थ को टिकट देने के फैंसले से सतना के कांग्रेसजनों की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है. सिद्धार्थ कुशवाहा के खिलाफ अजय सिंह राहुल के समर्थकों द्वारा बागी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर ली गई है.

अजय सिंह राहुल को नेता बताकर कमलनाथी हो गए सिद्धार्थ

सिद्धार्थ कुशवाहा विस चुनाव 2018 में निर्वाचित होकर सतना के विधायक बने. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल को अपना नेता बताते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी. लेकिन कुछ समय पहले जब कमलनाथ ने अजय सिंह राहुल (Ajay Singh Rahul) के खिलाफ अपनी लॉबी को मजबूत करने का अभियान शुरू किया तो सिद्धार्थ कुशवाहा, कमलनाथ के नजदीक पहुंच गए.

पहले महापौर का टिकट दिया अब OBC प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया

कमलनाथ अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल को घेरने में कतई नहीं चूकते, जहां जैसे भी मौक़ा मिलता है वे उन पर वार करने के लिए तैयार रहते हैं. पिछले कुछ सालों में अजय सिंह राहुल बनाम कमलनाथ काफी चर्चा में रहा है. लेकिन अब सिद्धार्थ कुशवाहा को मेयर कैंडिडेट बनाने से सियासत फिर गरमा गई है. कमलनाथ ने यह जानते हुए भी सिद्धार्थ को टिकट थमा दी कि उन्हें अजय सिंह राहुल पसंद नहीं करते हैं. कमलनाथ ने विंध्य की राजनीति के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल से टिकट वितरण को लेकर कोई समन्वय ही नहीं किया. पहले सिद्धार्थ कुशवाहा को महापौर का कैंडिडेट बनाया और अब जब विरोध की आवाज उठने लगी तो आज सिद्धार्थ कुशवाहा को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.

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