सतना

Satna Asia Book of Records: एमपी के सतना जिले का एक दिवसीय सीमांकन महाअभियान एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज

Sanjay Patel
15 Jun 2023 10:50 AM GMT
Satna Asia Book of Records: एमपी के सतना जिले का एक दिवसीय सीमांकन महाअभियान एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज
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MP News: मध्यप्रदेश के सतना जिले का सीमांकन महाअभियान एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा के नवाचार से यह उपलब्धि हासिल हो सकी है।

मध्यप्रदेश के सतना जिले का सीमांकन महाअभियान एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा के नवाचार से यह उपलब्धि हासिल हो सकी है। सतना का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे देश में गौरवान्वित हुआ है। गत 20 मई को एक दिवसीय सीमांकन महा अभियान चलाया गया था। जिसको एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल कर लिया गया है।

21 जून को मिलेगा प्रमाण पत्र

सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा के नवाचार से यह उपलब्धि जिले को हासिल हो सकी है। उनके द्वारा एक दिवसीय सीमांकन का महा अभियान चलाया गया था। जिसमें रिकार्ड तोड़ सीमांकन के मामले में एक दिन में निपटाए गए। इस मौके पर कलेक्टर लगातार अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी देते रहे। एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की टीम ने सतना पहुंचकर दावे का सत्यापन किया और 14 जून को आधिकारिक तौर पर सतना का नाम रिकार्ड बुक में शामिल किए जाने की घोषणा की। इसका प्रमाण पत्र सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा को एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की टीम 21 जून को प्रदान करेगी।

एक दिन में किए थे 1552 सीमांकन

सतना जिल में 20 मई को महा अभियान चलाया गया था। जिसमें सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अविवादित सीमांकन प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे। इसके लिए पटवारी से लेकर आरआई, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम और खुद कलेक्टर भी सुबह से रात तक फील्ड में डटे रहे। महा अभियान में राजस्व अमले की टीम ने एक दिन में जिले भर में 1552 सीमांकन करते हुए इन्हें आरसीएमएस में दर्ज भी किया। इस दौरान संबंधितों को प्रमाण पत्र भी दिए। एक दिन में इतनी अधिक संख्या में सीमांकन करने वाला पूरे देश व प्रदेश में सतना पहला जिला था। जिसके चलते इस उपलब्धि को एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल किए जाने का दावा किया गया था। एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की टीम सतना पहुंची और दावे का सत्यापन किया। जिसके बाद एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में इसे शामिल किए जाने की घोषणा की गई।

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