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नारायण-नारायण! पहले आधी रात को सीएम से विकास के लिए मिलें, अब सियासी भूचाल के बीच मैहर को जिला बनाने के लिए कमलनाथ संग की बैठक

मध्यप्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस के सियासी ड्रामा के बीच मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का अपना एक अलग ड्रामा जारी है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी राजनीति के जानकारों के समझ से भी परे हैं। नारायण त्रिपाठी मध्यप्रदेश के एक ऐसे विधायक हैं जो हर पार्टी का मजा चख चुके हैं। नारायण पहले सपा की साईकिल पर सवार हुए, फिर पंजा से पंजा मिलाया इसके बाद वे कमल के केसरिया हो लिए। मैहर में नारायण का एक अपना जनाधार है। तीनो पार्टी से वे विधायक निर्वाचित हुए हैं।
नारायण अभी भाजपा में हैं। परंतु यह बात भाजपाईयों को भी पच नहीं पा रही है। कारण नारायण खुद हैं। कभी नारायण भाजपा के खिलाफ जाकर सदन में क्रांस वोटिंग करते हैं तो कभी नारायण आधी रात को सीएम हाउस जाकर मुख्यमंत्री से क्षेत्र के विकास की बातें करते हैं। अब इतने बड़े सियासी ड्रामे के बीच जब भाजपा कांग्रेस के अल्पमत में होने की बात कहती है, तब विधायक त्रिपाठी भाजपा के विधायकों के साथ न होकर मुख्यमंत्री से मिलने जाते हैं और कहते हैं कि वे मैहर को जिला बनाने के लिए सीएम से मिले थें। अब ऐसे आधी रात को एवं सियासी घटनाक्रम के बीच मैहर के विकास की बाते करना विधायक जी का जनप्रेम एवं विकास प्रेम दर्शाता है।
खैर कांग्रेस के व्हिप जारी करने के बाद भाजपा ने भी अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दी थी। नारायण राज्यपाल के समक्ष भाजपा विधायकों की परेड में भी शामिल नहीं थें। इसके अलावा उन्होने फ्लोर टेस्ट से बचाने के लिए सदन को 26 मार्च तक स्थगित करने पर स्पीकार को धन्यवाद ज्ञापित करने के बाद अब नारायण का इस तरह से पार्टी से नारायण-नारायण करना भाजपा की भौंहे टेढ़ी करती जा रही है। सूत्रों की माने तो भाजपा व्हिप नियमों के तहत नारायण पर कार्रवाई करने का मन बना चुकी है।
बहरहाल अब देखना यह है कि कल राज्यपाल ने फिर बहुमत साबित करने का मौका कमलनाथ सरकार को दिया है, इस दौरान नारायण भाजपा के होते हैं या कांग्रेस के यह देखना दिलचस्प होगा।




