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MP BOARD EXAM पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी, 78 मूल्यांकनकर्ता को बोर्ड ने दी सजा, पढ़िए

सतना/ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अंतत: बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी करने वालों के लिए दण्डादेश जारी कर दिया है। बोर्ड ने 78 मूल्यांकनकर्ता ऐसे पाए हैं जिन्होंने परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका का गलत मूल्यांकन किया था। इनकी गलतियों की समीक्षा के बाद उस अनुरूप बोर्ड ने संबंधित मूल्यांकनकर्ताओं पर दंड अधिरोपित किया है।
44 लोगों की गलतियां गंभीर स्तर की पाई गई हैं। लिहाजा इन्हें सदैव के लिए मंडल के सभी प्रकार के पारिश्रमिक कार्यों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी तरह से 4 मूल्यांकनकर्ताओं को मंडल के सभी कामों से पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है।
ये है मामला माध्यमिक शिक्षा मंडल इस साल की बोर्ड परीक्षाओं के पूर्व की तैयारियां प्रारंभ कर चुका है। ऐसे में मूल्यांकन कार्य में पूरी गंभीरता बरतने को लेकर गत वर्ष के मूल्यांकन की समीक्षा की गई। पाया गया कि 78 मूल्यांकनकर्ता ऐसे थे जिनके गलत मूल्यांकन से न केवल विद्यार्थियों को गलत अंक मिले, बल्कि मंडल की छवि भी धूमिल हुई। मूल्यांकन जैसे कार्य में लापरवाही को देखते हुए माशिमं ने अब ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है। इन सभी गलतियों के अनुसार मंडल ने संबंधितों को या तो सदैव के लिए मंडल के पारिश्रमिक कार्यों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है तो कुछ को समय सीमा के लिए प्रतिबंधित किया है।
सतना के इतने लोगों पर प्रतिबंध मूल्यांकन में गंभीर तरीके की गलतियां करने वाले जिन मूल्यांकनकर्ताओं को सदैव के लिए प्रतिबंधित किया गया है उनमें डीके मैनी प्राचार्य शांति निकेतन उमावि सतना, पूर्णिमा तिवारी शा. उमावि रामपुर बाघेलान, आलोक प्रताप सिंह शा. उमावि रामपुर बाघेलान, सीपी गर्ग अशा. उमावि गुजराती सतना शामिल हैं। 9 मूल्यांकनकर्ताओं को मूल्यांकन से संबंधित सभी कार्य से 3 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। समस्त पारिश्रमिक कार्यों से 3 साल के लिए जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है उनकी संख्या 3 बताई गई है। 2 लोगों को मूल्यांकन कार्य से 3 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। मंडल के सभी पारिश्रमिक कार्यों से 3 साल के लिए जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है उनकी संख्या 3 है। परीक्षा कार्यों के पारिश्रमिक कार्यों से 2 साल के लिये 1, मूल्यांकन कार्य से 2 वर्ष के लिये 2, समस्त पारिश्रमिक कार्यों के 4 वर्ष के लिये 5 व समस्त पारिश्रमिक कार्य से 3 साल के लिये दो लोगों को प्रतिबंधित किया गया है।
इन जिलों के मूल्यांकनकर्ता प्रतिबंधित सतना, ग्वालियर, खरगोन, जबलपुर, भिण्ड, श्योपुर, भोपाल, कटनी, बालाघाट इंदौर, शाजापुर, रीवा, उज्जैन, बुरहानपुर, गुना, होशंगाबाद, झाबुआ, अनूपपुर, देवास, गोहद।




