सतना

Madhya Pradesh Assembly : सियासी रणनीति में हारी भाजपा, बागी विधायकों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:38 AM IST
Madhya Pradesh Assembly : सियासी रणनीति में हारी भाजपा, बागी विधायकों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में सियासी रणनीति बनाने में सफल नहीं रही और कांग्रेस के चक्रव्यूह में फंस गई, यही भाजपा की सियासी हार है। पार्टी का मानना है कि जब भाजपा विधायक दल विधेयक पर वोटिंग नहीं चाहता था तो उसे बहिर्गमन करना चाहिए था। ऐसा न कर पार्टी ने खुद ही कांग्रेस की रणनीति को कामयाबी तक पहुंचा दिया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव यदि बहिर्गमन का फैसला कर लेते तो भाजपा को किरकिरी का सामना नहीं करना पड़ता।

पार्टी ने यह भी साफ कर दिया कि किसी विधेयक का समर्थन करने से कोई विधायक कांग्रेस का सदस्य नहीं बन गया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई का सवाल ही नहीं है। इधर, सियासी संकट को देखकर भाजपा हाईकमान ने प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को देर रात भोपाल पहुंचने का निर्देश दिया। सिंह ने बुधवार रात भोपाल आकर पार्टी नेताओं के साथ बातचीत की और आगे की रणनीति पर मंथन किया। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा ही विधेयक के समर्थन में थी तो इसमें कांग्रेस किस बात के लिए जश्न मना रही है।

गोपाल भार्गव का बयान पार्टी लाइन पर नहीं: राकेश सिंह भाजपा ने दूसरी बार नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयान से किनारा किया है। भार्गव ने कहा था कि उसके नंबर 1 और 2 जिस दिन कहेंगे 24 घंटे में कमलनाथ सरकार गिरा देंगे। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से पूछा गया कि क्या ये पार्टी लाइन है तो सिंह ने कहा कि पार्टी ने कभी नहीं कहा कि भाजपा सरकार गिराएगी। वरिष्ठ नेताओं का इससे कोई लेना-देना नहीं है। ये उनका अपना बयान है।

सिंह से पूछा कि नेता प्रतिपक्ष तो पार्टी का चेहरा है, फिर ये उनके निजी बयान कैसे हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि कई बार तात्कालिक परिस्थिति को देखकर फैसला लेना पड़ता है और बयान देना पड़ता है। ये बयान उन्होंने क्यों और कैसे किन हालात में दिया, पता नहीं।

प्रदेशाध्यक्ष के साथ बैठे कई नेता संसद सत्र छोड़कर राकेश सिंह बुधवार रात भोपाल पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग सहित अन्य नेताओं के साथ बातचीत की। इस दौरान सबसे अहम मुद्दा कांग्रेस के समर्थन में गए दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल का रहा।

पार्टी नेताओं ने कहा कि नाराज विधायकों को मनाया जाए और उनकी नाराजगी दूर की जाए। उनके खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर नेताओं ने कहा कि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए कार्रवाई का सवाल नहीं।

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