सतना

पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा: युवक की चाकू से वार कर की थी हत्या, कोर्ट ने दिया आजीवन कारावास का दंड

पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा: युवक की चाकू से वार कर की थी हत्या, कोर्ट ने दिया आजीवन कारावास का दंड
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पुराने विवाद में युवक की चाकू मार कर हत्या करने में मामले में सतना की अदालत ने आरोपी पिता पुत्र को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

मध्यप्रदेश के सतना जिले में पुराने विवाद में युवक की चाकू मार कर हत्या करने में मामले में जिले की अदालत ने आरोपी पिता पुत्र को उम्र कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश SC/ST एक्ट जिला सतना एससी राय ने हत्या का आरोप प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी सूरज चौधरी पिता विनोद चौधरी ( 21) और विनोद चौधरी (47) दोनों निवासी सिंधी कैंप गहरा नाला थाना कोलगवां सतना को आईपीसी की धारा 302 /34 के अंतर्गत दोषी करार दिया है।

मामले में फैसला करते हुए अदालत ने आरोपी पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपियों पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर प्रत्येक अभियुक्त को एक वर्ष की कठोर कारावास की सजा और भुगताई जाएगी मामले में राज्य की ओर से लोक अभियोजक व शासकीय अभिभाषक रमेश मिश्रा ने पैरवी की।

लोक अभियोजक व शासकीय अभिभाषक रमेश मिश्रा के अनुसार 19 जनवरी 2021 को रवि गुप्ता अपने मित्र गजेंद्र सिंह के साथ शाम लगभग 6:30 बजे मोटरसाइकिल से घूमने निकला था। इसी दौरान वह मथुरा बस्ती में प्रेमलाल गुप्ता की दुकान पर गुटखा लेने के लिए गया जहां अभियुक्त सूरज चौधरी भी आ गया। सूरज और रवि के बीच पहले भी कहा सुनी हुई थी लिहाजा आमना सामना होने पर सूरज साकेत उसे गालियां देते हुए मारपीट करने लगा। उसने रवि पर चाकू से हमला कर दिया। उसी समय सूरज का छोटा भाई व विनोद साकेत भी गाली-गलौज करते हुए रवि के साथ लात घूसो से मारपीट करने लगे। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए तब गजेंद्र सिंह व प्रेमलाल गुप्ता ने बीच बचाव किया। चाकू से रवि गुप्ता के पेट में बाएं तरफ दो जगह व दाहिने कमर के पास चोटें आई थी। रवि गुप्ता के परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए जहां पुलिस ने उसके बयान दर्ज किए।

कोलगवां थाना पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध 294, 323, 324, 506 सह पठित धारा 34 IPC के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। इसी बीच रीवा के श्यामशाह मेडिकल कालेज में 20 जनवरी 2021 को रवि गुप्ता की मौत हो गई।

पुलिस ने प्रकरण में धारा 302 का इजाफा किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी नाबालिग था लिहाजा उसे बाल संप्रेषण गृह रीवा भेजा गया। शेष अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सतना के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जहां से यह प्रकरण विशेष न्यायालय भेजा गया था। विचारण के दौरान न्यायालय ने आरोपियों को रवि गुप्ता की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।

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