सतना

एमपी के सतना में श्रमिक नेता की मौत के बाद शव रख कर प्रदर्शन, अंत में नौकरी और मुआवजा के बाद बनी सहमति

एमपी के सतना में श्रमिक नेता की मौत के बाद शव रख कर प्रदर्शन, अंत में नौकरी और मुआवजा के बाद बनी सहमति
x
MP Satna News: केजेएस सीमेंट फैक्ट्री (Cement Factory) में कार्यरत सीटू यूनियन के मैहर अध्यक्ष मनीष शुक्ला पर गत दिवस अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला किया था।

MP Satna News: एमपी के सतना जिले के मैहर राजनगर स्थित केजेएस सीमेंट प्लांट (KJS Cement Plant) के श्रमिक नेता की मौत के बाद दिन भर हंगामा-प्रदर्शन चलता रहा। बताया गया है कि इस दौरान फैक्ट्री के बाहर दिन भर मजदूरों का हूजुम इकट्ठा रहा व देर रात तक प्रदर्शन चलता रहा। बताते हैं कि देर रात यह मामला तब जाकर शांत हुआ जब प्रबंधन ने मुआवजा के तौर पर परिजनों को 22 लाख रूपए, नौकरी और बच्चों के शिक्षा की जिम्मेदारी ली। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर यहां भारी पुलिसबल मौजूद रहा।

क्या है मामला

बताया गया है कि केजेएस सीमेंट फैक्ट्री (Cement Factory) में कार्यरत सीटू यूनियन के मैहर अध्यक्ष मनीष शुक्ला पर गत दिवस अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला किया था। इस हमले में मनीष की शुक्रवार की रात जबलपुर में मौत हो गई थी। श्रमिक की मौत के बाद बीते दिवस उसका शव मैहर लाया गया। श्रमिक नेता का शव पहुंचते ही सीटू के नेताओं ने शव को सड़क में रख कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन सीटू के जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह रावल, महासचिव तेज प्रताप दुबे, राकेश सिंह द्वारा किया गया।

प्रशासन के दखल से बनी बात

एडिशनल एसपी एसके जैन ने बताया कि शाम तक सीटू के लोग शव रख कर प्रदर्शन करते रहे। लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई भी बात करने नहीं आया। प्रशासन की पहल के बाद वार्ता का दौर शुरू हुआ। कई दौर की वार्ता के बाद बात बनती और बिगड़ती रही। प्रदर्शनकारी जहां एक करोड़ रूपए मुआवजा, नौकरी और बच्चों की मांग कर रहे थे। लेकिन प्रबंधन 18 लाख से अधिक देने को तैयार नहीं था। अंत में 22 लाख मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को 7200 रूपए की नौकरी और बच्चों के पढ़ाई पर सहमति बनी। इसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ, परिजन शव लेकर अपने घर चले गए।

श्रमिकों से पूछताछ

श्रमिक नेता की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि इस दौरान पुलिस ने फैक्ट्री में कार्यरत श्रमिकों से पूछताछ की। पुलिस ने कुछ ठेकेदारों से पूछताछ कर जानकारी जुटाने का प्रयास किया है। श्रमिक नेता की हत्या के मामले में कुछ लोगों द्वारा फैक्ट्री प्रबंधन पर भी संदेह जताया है। हालांकि पुलिस को अभी तक हत्यारों के संबंध में किसी तरह का कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है।

Next Story