सतना

जम्मू कश्मीर के नौ शस्त्र लाइसेंसों किया गया नवीनीकरण, कलेक्टर की नहीं ली अनुमति : SATNA NEWS

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:43 AM IST
जम्मू कश्मीर के नौ शस्त्र लाइसेंसों किया गया नवीनीकरण, कलेक्टर की नहीं ली अनुमति : SATNA NEWS
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सतना में फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस जारी करने के मामले में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की जांच में नया खुलासा हुआ है। आरोपितों ने जम्मू कश्मीर के नौ लाइसेंसों का पंजीयन और नवीनीकरण कलेक्टर की अनुमति के बिना किया। इसी तरह पंजाब और नागालैंड के शस्त्र लाइसेंस का पंजीयन और नवीनीकरण करने का मामला भी जांच में आया है। एसटीएफ ने इस मामले में 37 और एफआईआर दर्ज कर ली हैं। इस तरह से एसटीएफ 16 दिनों में इस मामले में 112 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। दो आरोपितों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इनमें सतना जिले के कलेक्टर कार्यालय में शस्त्र लाइसेंस शाखा में पदस्थ रहा बाबू युगल किशोर गर्ग और बाबू अभय राज सिंह शामिल है। एसटीएफ को शक है कि इस मामले में कुछ बड़े अधिकारी समेत अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। एसटीएफ इसे प्रदेश के इतिहास का अब तक सबसे बड़ा शस्त्र लाइसेंस का फर्जीवाड़ा बता रही है।

एसटीएफ के मुताबिक सतना जिले में साल 2004 से 2014 के बीच शस्त्र लाइसेंस बनाए जाने में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की जानकारी मिली थी। इस मामले में विधानसभा में सवाल उठा था। शुरुआती जांच के आधार पर दोनों बाबुओं को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई थी। जांच के दायरे में पांच हजार शस्त्र लाइसेंस लिए गए थे। इसके बाद अब तक की जांच में 112 शस्त्र लाइसेंस में गड़बड़ी होने के सबूत मिले हैं। इनकी बारीकी से जांच की जा रही है। जांच में पता चला है कि आरोपितों ने जम्मू कश्मीर के 9, नागालैंड के एक और पंजाब के एक शस्त्र लाइसेंस का नवीनकरण कर दिया है। यह भी हो सकता है कि संबंधित प्रदेश से शस्त्र लाइसेंस बने ही न हों। खास बात यह है कि इनके नवीनीकरण के लिए जिला कलेक्टर की अनुमति तक नहीं ली। यही नहीं अनुमति के बिना ही शस्त्र रखने का क्षेत्राधिकार प्रदेश से बढ़ाकर देशभर का कर दिया। इसी तरह कारतूस रखने की संख्या में भी बढ़ोतरी कर दी। जांच के दौरान पता चला कि पुलिस सत्यापन में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी संबंधितों को शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिए गए। इसी तरह कुछ मामलों में कलेक्टर ने आपत्ति भी लगाई तो फाइल दोबारा उनके पास भेजी ही नहीं और शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिए। एसटीएफ को मौजूदा कलेक्टर ने बताया है कि शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी 50 फाइलें भी शस्त्र लाइसेंस शाखा में नहीं मिल रही हैं। इनकी तलाश की जा रही है। इनके मिलने से कुछ और मामले में एफआईआर हो सकती है।
ऐसा नहीं हो सकता है कि सिर्फ दो बाबू मिलकर इतने बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दे दें। पूरी आशंका है कि इस मामले में कुछ और लोग शामिल हैं। आरोपितों से पूछताछ कर और शामिल लोगों के नाम पता कर कार्रवाई की जाएगी। यह प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा है।
अशोक अवस्थी, एडीजी एसटीएफ
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