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Sawan 2023: एमपी के सागर में स्थित है अनोखा शिवालय, एक में ही समाहित हैं 108 शिवलिंग

Sanjay Patel
10 July 2023 9:56 AM GMT
Sawan 2023: एमपी के सागर में स्थित है अनोखा शिवालय, एक में ही समाहित हैं 108 शिवलिंग
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MP News: सावन का महीना प्रारंभ है, ऐसे में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। एमपी के सागर में एक ऐसा अनोखा शिवालय है जहां एक ही शिवलिंग में भगवान शिव 108 रूपों में विराजमान हैं।

Sawan 2023: सावन का महीना प्रारंभ है, ऐसे में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। देश भर में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं जहां पर वह अलग-अलग रूपों में विराजमान है। एमपी के सागर में एक ऐसा अनोखा शिवालय है जहां एक ही शिवलिंग में भगवान शिव 108 रूपों में विराजमान हैं। यह शिवालय सागर जिले के राहतगढ़ में स्थित है। यहां भी भोलेनाथ को जल अर्पित करने सहित पूजा-अर्चना के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

800 वर्ष पुराना है शिव मंदिर

एमपी के सागर अंतर्गत राहतगढ़ में बीना नदी के बनेनी घाट पर शिव मंदिर स्थित है। लोगों का कहना है कि इसका निर्माण कपूर परिवार द्वारा करवाया गया था। मंदिर में स्थापित शिवलिंग की यह विशेषता है कि इसमें 108 शिवलिंग एक ही शिवलिंग में बने हुए हैं। जिनको एक ही पत्थर पर उन्हें पूर्ण आकार प्रदान किया गया है। एक ही शिवलिंग पर जल अर्पित करने से 108 शिवलिंग का फल प्राप्त होता है। एक बेलपत्र चढ़ाने से 108 का फल मिलता है। एक परिक्रमा लगाने से 108 शिवलिंग की परिक्रमा अपने आप पूर्ण हो जाती है। 800 वर्ष पुराने इस शिव मंदिर पर सूरज की पहली किरण मंदिर के द्वार पर पड़ती है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश विराजमान हैं। भगवान गणेश की मूर्ति के ऊपर एक मोर है जो अपनी चोंच में सर्प को दबाए हुए हैं।

एक ही पत्थर में 108 शिवलिंग विराजमान

स्थानीय लोगों का कहना है कि किले के समय का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर की विशेषता यही है कि एक ही पत्थर में 108 शिवलिंग विराजमान हैं। यह शिव मंदिर वास्तु के हिसाब से बनाया गया है। इसमें दसों दिशाएं और नवग्रह पर बना हुआ है। अष्ट हाथी और 32 खंभों के ऊपर मंदिर बना हुआ है। मंदिर का उल्लेख शास्त्रों में भी है। महाशिव पुराण में 16वें, 17वें अध्याय के मध्य में इसका उल्लेख है। राहतगढ़ में बीना नदी के बनेनी घाट के दक्षिण दिशा में बने हुए नंदी के मुखारबिंद से शिवलिंग पर जल चढ़ाते ही बाहर निकलता है। सावन के महीने सहित अन्य त्योहारों पर यह काफी संख्या में भक्त जल चढ़ाने व पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी अरुण पाण्डेय का कहना है कि इस मंदिर की विशेषता यह है कि सूरज की पहली किरण भगवान शिव के ऊपर पड़ती है। बनने घाट पर बने इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

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