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10 मार्च को फिर बिगड़ेगा मौसम : REWA, SAGAR, JABALPUR सहित इन शहरो में तीन दिनों तक आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की भारी चेतावनी

भोपाल। हिमालय में बर्फबारी के बाद ठंडी उत्तरी हवाएं मैदानी इलाकों में आनी शुरू हो गई है, जिसके चलते न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट हुई है। ये क्रम रविवार को भी जारी रहेगा। अगले दो तीन दिनों तक मौसम में ठंडक बनी रहेगी। 10 मार्च को आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात के असर से मौसम में बदलाव होगा और मध्यप्रदेश में एक फिर बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। कहीं-कहीं आकाशीय बिजली कड़कने, ओलावृष्टि 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की भी संभावना है।
रात के तापमान में शुक्रवार के मुकाबले 2.2 डिग्री की गिरावट आई और यह 13.8 डिग्री दर्ज हुआ। दिन में मौसम खुला रहा, लेकिन ठंडी हवा के असर से मौसम सुहावना बना रहा। अधिकतम तापमान में भी एक डिग्री की गिरावट आई और यह 28.9 डिग्री दर्ज किया गया। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि राजस्थान में जो कम दबाव का क्षेत्र बना था, वह पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान की ओर चले गया है। मध्यप्रदेश को प्रभावित करने वाले अन्य सिस्टम भी खत्म हो गए हैं। पश्चिमी विक्षोभ निकल गया है। जिसके बाद बर्फबारी वाले पहाड़ी इलाकों से ठंडी शुष्क हवाएं आनी शुरू हो गई है।
10 मार्च को पश्चिमी विक्षोभ फिरसे आ रहा है, वहीं उत्तर पश्चिम राजस्थान में चक्रवात बनेगा, जिसके प्रभाव से ग्वालियर चंबल, रीवा, सागर और जबलपुर संभागों के जिलों में फिर से गरज-चमक और बौछारों की स्थिति बनेगी, जबकि राजधानी में हल्के बादल छाए रहेंगे।
आंधी के साथ गिर सकते हैं ओले मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक के मुताबिक अगले तीन दिनों के दौरान मध्य प्रदेश के अधिकतम एवं न्यूनतम तापमानों में विशेष बदलाव नहीं होगा। वहीं इस दौरान मौसम शुष्क बना रहने के आसार हैं। 10 -11 मार्च के दौरान मध्य प्रदेश में फिर वर्षा का एक दौर, कहीं-कहीं से कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा के साथ आकाशीय बिजली कड़कने / ओलावृष्टि / आंधी हवा (30-40 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की गति) बहुत अधिक होने की संभावना है।
फिर बन रहा है पश्चिमी विक्षोभ एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 10 मार्च, 2020 से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की बहुत संभावना है। इस पश्चिमी विक्षोभ प्रभाव में, 10 मार्च, 2020 को दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में, एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। 10 मार्च से बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर की ईस्टरलीं (पूर्वी हवाएं) भी उत्तर पश्चिम भारत के मैदान इलाकों में प्रवेश करने की संभावना है।
मध्य स्तर की वेस्टरली और निचले स्तर की ईस्टरली के बीच परस्पर प्रभाव के कारण, पश्चिमी विक्षोभ से जुड़ी पश्चिमी हवाओं एवं बंगाल की खाड़ी से आने वाली निम्न स्तर पर नम पूर्वी हवाओं के बीच संगम क्षेत्र मध्य एवं पूर्वी भारत तक विस्तारित रहने की संभावना है। उपरोक्त संभावित मौसम परिस्थितियों के कारण, 10 -11 मार्च के दौरान मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं से कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा के साथ आकाशीय बिजली कड़कने / ओलावृष्टि / आंधी हवा (30-40 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की गति) बहुत अधिक होने की संभावना है।




