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स्वच्छता सर्वे से पहले शहरों की जारी हुई रैंकिंग, इस स्थान पर है 'रीवा'
तिमाही लीग की रैंकिंग में रीवा की स्थिति सुधरी, 74वें नंबर पर पहुंचा रीवा
रीवा। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में कई नए नियम बनाए गए हैं। इस बार का सर्वे तीन-तीन महीने के लीग बनाए गए थे। इस अवधि में नगर निगम द्वारा स्वच्छता के लिए की जाने वाली तैयारियों के आधार पर नंबर मिलना है। पहले लीग का परिणाम जारी हुआ तो एक से दस लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों में रीवा काफी पीछे था। इस रैंकिंग में रीवा को १४९वां स्थान मिला था। यह अप्रेल, मई एवं जून महीने में स्वच्छता की निगम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर रैंकिंग की गई है। इसके बाद अब दूसरे तिमाही लीग की रैंकिंग भी जारी कर दी गई है। इसमें रीवा नगर निगम की स्थिति सुधरी है। दूसरे तिमाही जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में की गई सफाई के आधार पर नगर निगम को 47वां स्थान मिला है। दो हजार अंकों में निगम को 1451.84 अंक हासिल हुए हैं।
पहले तिमाही की तुलना में स्थिति सुधरी है। निगम को भरोसा है कि मुख्य सर्वेक्षण जो होना है, उसमें निगम बेहतर अंक हासिल करेगा। इसके पहले ओडीएफ प्लस प्लस का प्रमाण पत्र हासिल किया है। साथ ही फाइव स्टार रेटिंग के लिए भी आवेदन कर दिया है। बताया जा रहा है कि ग्वालियर, जबलपुर जैसे कई बड़ी शहर इस बार इस रेटिंग में नहीं शामिल हो पाए हैं। पहले तिमाही की रैंकिंग में रीवा को 1071 अंकों के साथ 149वां स्थान मिला था। सतना 1293 अंकों के साथ 136वें स्थान पर दूसरे तिमाही में पहुंचा है। जबकि यह पहले तिमाही की रैंकिंग में 1263.67 अंकों के साथ 72वें स्थान पर था।
चार जनवरी के बाद कभी भी आ सकती है सर्वे के लिए टीम स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केन्द्र सरकार की ओर से आने वाली टीम के पहले रीवा में एक और सर्वे होगा। इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। हाल ही में ओडीएफ प्लस प्लस का प्रमाणीकरण होने के बाद निगम ने ५ स्टार रेटिंग के लिए आवेदन भी कर दिया है। इसका सत्यापन करने के लिए दिल्ली से टीम आएगी। इसका प्रस्तावित दौरा चार जनवरी के बाद है। इस सर्वे की जानकारी नगर निगम को टीम आने के एक दिन पहले ही मिलेगी। इसलिए कभी भी टीम के आने की संभावना है।
कचरा मुक्त है शहर, रीवा नगर निगम का दावा स्टार रेटिंग में नगर निगम ने दावा किया है कि रीवा अब कचरा मुक्त शहर है। इसलिए टीम इसका सत्यापन करेगी कि डोरटूडोर कचरा कलेक्शन से लेकर इसके प्रबंधन तक की क्या व्यवस्थाएं हैं। निगम आयुक्त ने अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशित किया कि टीम के आने से पहले जो भी व्यवस्थाएं हैं उनका पहले परीक्षण करके दुरुस्थ किया जाए। इसके लिए अधिकारियों की टीम कोष्टा के कचरा प्लांट पहुंची और वहां पर लंबे समय से डंप कचरा के प्रबंधन की रूपरेखा तैयार की। इस प्लांट में कचरे से खाद बनाए जाने के लिए प्लांट लगाया गया था लेकिन पूर्व में इसमें आग लगने की वजह से खाद बनाए जाने का कार्य बंद है। इसके बाद पहडिय़ा में प्रस्तावित नए कचरा प्लांट का भी निरीक्षण किया गया। इस स्थान पर रीवा सहित संभाग के २८ नगरीय निकायों का कचरा लाया जाएगा और उससे छह मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसकी तैयारियों का भी अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस दौरान सहायक यंत्री एसके गर्ग, शुभम तिवारी, सुखेन्द्र चतुर्वेदी, विकास पाण्डेय सहित अन्य मौजूद रहे।
कचरा कलेक्शन से उसके निपटान तक का होगा मूल्यांकन नगर निगम ने गारबेज फ्री सिटी(जीएफसी) रीवा को घोषित कर दिया है। ओडीएफ प्लस-प्लस का सर्वे होने के बाद उसका प्रमाण पत्र भी मिल गया है। इसके बाद निगम ने फाइव स्टार रेटिंग के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया है। इसलिए केन्द्र सरकार की ओर से आने वाली टीम यह देखेगी कि रीवा कचरा मुक्त शहर है अथवा अभी भी इसके लिए और प्रयास करना होगा। इस सर्वे में कचरा जहां से उत्पन्न होता है, वहां से निगम की इसके कलेक्शन की व्यवस्थाएं देखी जाएंगी। निगम का दावा है कि डोरटूडोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। जिसके तहत लोगों के घरों एवं दुकानों से सीधे कचरा लेकर उसे प्लांट तक पहुंचाया जाता है। इसके अलावा लोगों को कचरा प्रबंधन के लिए भी जागरुक किया गया है। जिसमें सूखा और गीला कचरा घर पर ही अलग-अलग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। शहर की सड़कों के किनारे पड़े रहने वाले कचरे के ढेर को भी हटाया गया है। सुबह सफाई के तत्काल बाद सड़कों से कचरा उठाया जाता है।
कचरे को नष्ट करने केमिकल का होगा छिड़काव कोष्टा प्लांट में कचरे का ढेर वर्षों से लगाया जा रहा है। इससे खाद नहीं बनने की वजह से कचरा बढ़ता जा रहा है। अब क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत नया प्लांट पहडिय़ा में प्रस्तावित कर दिया गया है। जिसके कारण कोष्टा के प्लांट पर निगम का जोर नहीं था। निगम आयुक्त ने दूसरे शहरों के कचरा विशेषज्ञों से चर्चा कर कोष्टा में पहाड़ जैसे ढेर लगे कचरे को केमिकल डालकर नष्ट करने की तैयारी शुरू की है। इसका परीक्षण भी कराया जा चुका है। जिसके तहत पानी के साथ केमिकल का कचरे में छिड़काव किया जाएगा। जिसमें पालीथिन के अलावा अन्य सामग्री करीब दस से पंद्रह दिन के भीतर नष्ट होकर खाद के रूप में नीचे बैठ जाएगी। पालीथिन को निगम अलग कराएगा, इससे कचरे के प्रबंधन का भी दावा मजबूत होने की संभावना है। अब तक डोरटूडोर कचरा कलेक्शन और सफाई के चलते व्यवस्था सुधरी थी लेकिन कचरे को प्लांट में केवल डंप किया जा रहा था। इससे अंकों में कटौती होने की आशंका बनी थी। जिस पर नए विकल्प को तलाशा गया है।
ओडीएफ डबल प्लस का प्रमाणीकरण होने के बाद ५ स्टार रेटिंग का आवेदन किया गया है। इसका सत्यापन करने के लिए टीम आएगी। अपनी तैयारियों का हम परीक्षण करा रहे हैं ताकि कुछ कमियां नहीं रहें। रीवा को इस बार स्वच्छता में बेहतर रैंक दिलाने के हर प्रयास किए जा रहे हैं। -सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम