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सीधी : अजय सिंह राहुल का बड़ा बयान, सरकार गिराने में लगी है भाजपा, इस तारीख के पहले गिराने का किया दावा

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:04 AM GMT
सीधी : अजय सिंह राहुल का बड़ा बयान, सरकार गिराने में लगी है भाजपा, इस तारीख के पहले गिराने का किया दावा
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भोपाल/सीधी. कांग्रेस नेता अजय सिंह ने शुक्रवार को सीधी में कार्यकर्ता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा 4 मार्च से पहले प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के षड्यंत्र में जुटी है। मध्यप्रदेश में कांगे्रस की सरकार बनी रहे, इसके लिए केंद्र में भी कांग्रेस की सरकार बनाना जरूरी है।

अजय ने कहा, भाजपा चाहती है कि शिवरात्रि से पहले प्रदेश में उसकी सरकार बन जाए। उन्होंने कहा, जब मैं चुनाव हारता हूं, तभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है। 1993 में सुंदरलाल पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा और हारा। तब कांग्रेस की सरकार बनी और दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बने।

इस बार फिर चुनाव हारा तो सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। मेरे हारने से सरकार बन जाए, इससे मुझे कोई दुख नहीं है। पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि कुछ कांग्रेसी अनर्गल आरोप लगाते हैं। कोई एक भी आरोप मेरे ऊपर सिद्ध कर दे तो मैं चौराहे पर आकर सजा भुगतने को तैयार हूं।

सुमित्रा महाजन को हराना मुश्किल नहीं: दिग्विजय

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे के सवाल पर कहा कि मैं सक्रिय राजनीति में हूं। पार्टी जहां से भी कहेगी चुनाव लडऩे को तैयार हूं। पार्टी कहेगी कि चुनाव नहीं लडऩा है, तब भी मुझे आपत्ति नहीं होगी।

दिग्विजय सिंह ने यह बात शुक्रवार को इंदौर की रेसीडेंसी कोठी में मीडिया से चर्चा में कही। बोले- इंदौर में पिछले चुनाव में हमारे प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल 10 हजार वोट से ही हारे हैं, इसलिए महाजन को चुनाव हराना बड़ी बात नहीं है। सरकार गिराने के भाजपाई दावों पर बोले कि 15 साल में भाजपा नेताओं की आदतें इतनी बिगड़ गई हैं कि वे सत्ता में नहीं रहने से दु:खी हैं। सरकार गिरने वाली नहीं है और न ही विधायक बिकाऊ हैं।

जयवद्र्धन ने जवाब नहीं देखा था

दिग्विजय सिंहस्थ, मंदसौर गोलीकांड और पौधरोपण घोटाले पर क्लीनचिट को लेकर बोले- विधानसभा में गृह और वन विभाग के सवालों और जयवद्र्धन सिंह के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रकरणों में फर्क है। दोनों विभाग के प्रश्नकाल तारांकित थे, जबकि नगरीय प्रशासन का जवाब अतारांकित था। इसका मतलब मंत्री बाला बच्चन और उमंग सिंघार ने प्रश्न पढ़े थे और जयवद्र्धन ने नहीं। जयवद्र्धन को भी सचेत किया। मंत्रियों से ज्यादा दोष जवाब तैयार करने वाले अफसरों का है, क्योंकि नीचे का अमला तो भाजपा का है।

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