रीवा

शिवराज के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को है बागियों से खतरा, ये है मुश्किलें और ऐसी है इनकी छवि

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:01 AM GMT
शिवराज के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को है बागियों से खतरा, ये है मुश्किलें और ऐसी है इनकी छवि
x
Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए तारीखों का एलान हो गया है। सत्ताधारी दल भाजपा के लिए राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन शिवराज सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के लिए इस बार का चुनाव मुश्किलें खड़ी कर सकता है। 2003 के विधानसभा चुनावों में 78,612 वोटों पाकर चर्चा में में शिवराज सरकार के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के के लिए विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। रीवा विधानसभा क्षेत्र से लागातर तीन बार विधानसभा पहुंचे शुक्ल के लिए इस बार भाजपा से बागी होकर कांग्रेस का हाथ थामने वाले अभय मिश्रा से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। क्षेत्र में ऐसी चर्चा है कि अगर कांग्रेस से अभय मिश्रा को टिकट दिया जाता है तो रीवा विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला कांटे का होगा।

भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं अभय: पूर्व बीजेपी विधायक अभय मिश्रा मार्च में भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। मिश्रा रीवा जिले की सेमारिया विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। अभय मिश्रा के कांग्रेस में शामिल होने से रीवा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं । विंध्य क्षेत्र की रीवा विधानसभा ब्राह्मण और ठाकुर बाहुल्य है।

राजेन्द्र शुक्ल के लिए क्या मुश्किलें: अभय मिश्रा के बाद रीवा रियासत के राजा पुष्पराज सिंह भी भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने से ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस अभय या पुष्पराज सिंह दो में से किसी एक को अपना उम्मीदवार बना सकती है। दोनों के उम्मीदवार बनने से ब्राह्मण और ठाकुर वोटों का बंटवारा होने की संभावना है। राजेन्द्र शुक्ल की लिए ऐसे में मुश्किलें हो सकती हैं। दूसरी तरफ एसी-एसटी एक्ट को लेकर विंध्य क्षेत्र में काफी विरोध है। सपाक्स के मैदान में आने से ब्राह्मण और ठाकुर वोटों में बिखराव तय माना जा रहा है। अगर ब्राह्मण और ठाकुर वोटों का विखराव रीवा विधानसभा क्षेत्र मे होता है तो उसका सीधा नुकसान भाजपा को होता है।

राजेन्द्र शुक्ल की छवि भाजपा के लिए प्लस पॉइंट: हालांकि वोटों के बिखराव के बीच भाजपा के लिए सबसे बड़ी ताकत है। मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की छवि। शुक्ल की छवि ईमानदार और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने वाले नेता के तौर पर है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद राजनीति में आए शुक्ल विवादित बयानों से भी दूर रहते हैं। इनकी इस आदत को जनता ने पसंद किया और लगातार तीन बार से विधायक चुने जा रहे हैं और सरकार में मंत्री भी हैं। सरकार में रहते हुए क्षेत्र के लिए कई अहम योजनाएं लेकर आए। दुनिया का पहला ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर (सतना) में स्थापित कराया। सोलर के क्षेत्र में बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कराया और बदवार पहाड़ में 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित होने जा रहा है। यह सोलर एनर्जी का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। रीवा शहर में भी निर्माण के कई कार्य हुए हैं।

2013 चुनाव के नतीजे: रीवा सीट पर बीजेपी के राजेंद्र शुक्ल ने बीएसपी उम्मीदवार कृष्ण कुमार गुप्ता को करीब 37 हजार वोटों से हराकर चुनाव जीता था। कांग्रेस 17 फीसदी वोटों के साथ यहां तीसरे पायदान पर थी। साल 2008 के चुनाव में बीजेपी के राजेंद्र शुक्ल का मुकाबला बीएसपी के मुजीब खान से था, जो करीब 26 हजार वोटों से चुनाव हार गए। 2003 में राजेन्द्र शुक्ल पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे।

कौन हैं राजेन्द्र शुक्ल : राजेन्द्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। शुक्ल 1986 में इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा के छात्र संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। वर्ष 1992 में युवा सम्मेलन के आयोजन में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 2003 में पहली बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए तथा बाद में मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल कर आवास एवं पर्यावरण विभाग का दायित्व सौंपा गया। 14 सितम्बर 2012 को मंत्रीमंडल विस्तार में पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 21 दिसम्बर, 2013 से कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story