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रीवाः कांग्रेस में बगावत के आसार, पार्टी छोड़ सकते हैं कई दिग्गज
रीवा। 28 नवंबर को मध्यप्रदेश में चुनाव होने हैं, लिहाजा प्रदेश के दो बड़े दलों भाजपा, कांग्रेस के साथ साथ अन्य दलों में भी टिकट की दावेदारी को लेकर सियासत तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस के टिकट वितरण में जमीनी कार्यकर्ताओं की हो रही उपेक्षा से नाराज रीवा जिले के कई कांग्रेसी दिग्गज नेता समर्थकों समेत पार्टी छोड़ सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि रीवा विधानसभा में कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है। आरोप यह भी हैं कि कांग्रेस उन नेताओं की अनदेखी कर रही है, जिन्होने पूरे जीवन पार्टी के लिए कार्य किया। रीवा विधानसभा के कई नेता कांग्रेस के टिकट वितरण प्रणाली से नाखुष हैं। अब वे अपने हजारों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ सकते हैं।
बताया जा रहा है कि ऐसे ही कई नेता ऐसे प्रत्याषी को टिकट देने की प्रक्रिया से नाराज हैं, जो न तो पार्टी के लिए कभी काम किए हैं एवं न ही स्वच्छ राजनीति करते हैं, ऐसे लोग सिर्फ सत्ता पाना चाहते हैं।
पार्टी छोड़ने के लिए तैयार नेताओं में से एक प्रदेश की कार्यकारिणीं में शामिल हैं, जबकि दूसरे पार्टी से एक बार विधानसभा उम्मीदवार रह चुके हैं। दोनो धुरंधर नेता है, हजारों की संख्या में समर्थक हैं। लिहाजा चुनावी समीकरण बिगाड़ने-बनाने में काफी दमदारी रखते हैं।
बहरहाल चुनावी समर है, परीक्षा की घड़ी है। राजनैतिक दल अपने जमीनी नेताओं को टिकट देते हैं, या पैराषुट वालों को ये तो वक्त ही बताएगा। दल-बदल, छल-कपट, बगावत ये सब आज के नेताओं के डीएनए में शामिल है, लिहाजा ऐसे समाचार सुनकर व पढ़कर आष्चर्य नहीं होना चाहिए।
प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस में टिकट की दावेदारी को लेकर दोनो दलों में दल-बदल की राजनीति अपने चरम पर है। कहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी और कांग्रेस का दामन थाम लिया, तो कहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने। वहीं इस मामले में बसपा भी पीछे नहीं है।
हाल में ही बसपा से तीन पंचवर्षीय विधायक रह चुके मऊगंज विधानसभा के आईएमपी वर्मा ने कांग्रेस का दामन थामा है, आईएमपी वर्मा ने कांग्रेस का दामन थामते ही अपनी दावेदारी भी कांग्रेस आलाकमान के सामने पेष कर दी, हांलांकि मऊगंज में कांग्रेस से ही सुखेन्द्र सिंह बन्ना 2013 में चुनाव जीते थें। अब आईएमपी वर्मा का पार्टी में आना भी कांग्रेस के आलाकमान के लिए एक मुसीबत बन गया है। इनके साथ ही राजकुमार उर्मलिया एवं बबिता साकेत ने भी बसपा से तौबा कर लिया है।
जबकि भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हांथ थामने वाले नेताओं में पूर्व विधायक सेमरिया एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के हांथों सदस्यता लेने वाले दिग्गज नेता एवं रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह भी अपनी दावेदारी पेष कर चुके हैं। अभय स्थानीय मंत्री के खिलाफ चुनावी मैदान में कूदना चाह रहे हैं, जबकि पुष्पराज सिंह भी सत्ता का स्वाद चखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
बता दें अभय की पत्नी नीलम मिश्रा सेमरिया विधानसभा से भाजपा की वर्तमान विधायक हैं, जबकि पुष्पराज सिंह के पुत्र दिव्यराज सिंह भाजपा से सिरमौर विधायक हैं।