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- रीवा: शहर की सीमा...
रीवा। नगर निगम की सीमा वृद्धि 24 वर्ष बाद निगम प्रशासन करने जा रहा है, लेकिन अब इस पर एक बार फिर बे्रक लग गया है। हाईकोर्ट की रोक के चलते एक बार फिर निगम प्रशासन का यह प्रस्ताव अधर में लटक गया है। जब तक हाईकोर्ट से मामले पर कोई निर्णय नहीं होता निगम प्रशासन शहर की सीमा वृद्धि नहीं कर सकेगा।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक बार फिर इसे टाल दिया गया है, अब 12 फरवरी को अगली सुनवाई की जाएगी। निगम ने शासन को 25 गांव को जोडऩे का प्रस्ताव भेजा था लेकिन अभी तक शासन ने भी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं दिया था। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद यह तीसरी पांचवी बार सीमा वृद्धि पर रोक लगी है।
गौरतलब है प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही नगरीय निकायों की सीमा वृद्धि संबंधी प्रस्ताव मांगे गए थे जिसमें निगम प्रशासन ने 45 गांव जोडऩे का प्रस्ताव भेजा था। निगम प्रशासन ने दावा आपाि मंगाकर उनका निराकरण कर भी शासन को भेज दिया था लेकिन आचार संहिता के चलते रोक लग जाने से कार्यवाही नहीं हुई थी। बाद में शासन ने 20 गांव जोडऩे की अनुमति दी थी। इन गांवों को जोडऩे से निगम की सीमा सही नहीं प्रदर्शित हो रही थी, जिसके चलते शासन की अनुमति में दिए गए एक गांव को काटकर निगम ने 6 नए गए गांव जोड़कर शासन को 25 गांव जोडऩे का प्रस्ताव भेजा था।
इस प्रस्ताव पर राजपत्र प्रकाशन का इंतजार निगम कर ही रहा था कि इंदौर हाईकोर्ट में पार्षद दिलीप शर्मा व भारत पारख सहित गुना की ललिता मीना सहित प्रदेश के लगभग 45 लोगो ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा गया कि राज्य सरकार के आदेश पर जिला कलेटरों द्वारा संबंधित नगर निगम, नगर परिषद्, जनपद पंचायत व जिला पंचायतों को परसीमन प्रक्रिया पूरा करने आदेश दिए गए है। जिसमें याचिका कर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवता आरएन सिंह ने तर्क दिया कि नियमानुसार परसीमन के आदेश राज्य सरकार द्वारा नहीं राज्यपाल द्वारा जारी किए जाने चाहिए। जबकि राज्य सरकार की ओर से महाअधिवक्ता शशांक शेखर व उपमहाअधिवक्ता प्रवीण दुबे ने तर्क दिया कि परसीमन के लिए राज्यपाल की शक्तियां कलेटर को उपार्पित की गई है। चीफ जस्टिस एके मिाल व जस्टिस विजय कुमार शुला की डिवीजन बेंच ने सरकार को आगामी 12 फरवरी तक जनपद व जिला पंचायत परसीमन के संबंध में रिकार्ड पेश करने की मोहलत दी गई है।
राजपत्र का होना है प्रकाशन वहीं निगम अधिकारियों की मानें तो निगम प्रशासन द्वारा सीमा वृद्धि संबंधी सभी कार्यवाही पूरी कर ली गई है, राजपत्र में 25 नए गांव जोडऩे के लिए प्रकाशन होने के बाद निगम प्रशासन वार्डो के परसीमन का कार्य करता लेकिन अब कार्यवाही फिलहाल अटक गई है। बता दें कि निगम प्रशासन ने कई दफा भाजपा शासन काल में ही शहर की सीमा वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था लेकिन इस पर मंजूरी नहीं मिल रही थी जिसकी एक बड़ी वजह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का दबाव बताया जा रहा था, उन्हें शहर की सीमा वृद्धि से खतरा महसूस हो रहा था जिसके चलते वह इस प्रक्रिया के पक्ष में नहीं थी। परिषद् में भी भाजपाईयों ने सीमा वृद्धि का विरोध किया था।