रीवा

रीवा में चल रही थी अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री, 3 गिरफ्तार

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:01 AM GMT
रीवा में चल रही थी अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री, 3 गिरफ्तार
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रीवा। बीते दिवस बिछिया थाना पुलिस द्वारा हथियारों की बड़ी खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया था। तस्कर को रिमाण्ड में लेकर जब पूछताछ की गई तो उसने हथियार तस्करी में शामिल मुख्य सरगना सहित हथियार बनाने की फैट्री का खुलासा किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर गुढ़ थाना के ग्राम पांती में संचालित की जा रही हथियार बनाने की फैट्री में दबिश देते हुये हथियार बनाने की सामग्री और एक कारीगर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने तस्करी में सहयोग करने वाले तीसरे आरोपी को अमिरती गांव से धर दबोचा। तीनों आरोपियों के कब्जे से 8 नग देसी पिस्टल, हथियार बनाने की सामग्री, कारतूस के खोखे व जिंदा कारतूस बरामद किये गए हैं। सभी के विरुद्ध आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश किया गया है। इस पूरे मामले का खुलासा शुक्रवार को अतिरित पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने पुलिस कंट्रोल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान किया।

एएसपी ने बताया कि बीते दिवस मुखबिर से प्राप्त हुई सूचना के बाद बिछिया थाना प्राारी विनोद सिंह ने स्टाफ के साथ पुलिस लाइन चौराहा स्थित गोविन्दगढ़ मार्ग से ग्राम हर्दी निवासी सुभाष भारती नामक युवक को गिरतार किया था। सुभाष की तलाशी के दौरान उसके कब्जे से 8 देसी कट्टे जिसमें 315 बोर के 5 व 12 बोर के 3 शामिल थे, बरामद किए गए। आरोपी के विरुद्ध आर्म्स एक्ट का अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिये रिमाण्ड में लिया गया था।

शुरुआती पूछताछ में आरोपी पहले तो पुलिस को मनगढ़ंत कहानियां बताता रहा, लेकिन जब सख्ती दिखाई गई तो उसने हथियारों की खेप पांती निवासी शिवप्रसाद विश्वकर्मा से लेना बताया और हथियारों की खरीदी बिक्री में अमिरती निवासी लाला उर्फ मसहूद का नाम भी बताया। पुलिस ने बारी-बारी से उक्त दोनों आरोपियों को गिरतार कर लिया है।

महज 35 सौ में बिकते थे हथियार : फैक्ट्री में बने हथियारों की बिक्री महज 35 सौ रुपए में की जाती थी। यह खुलासा पूर्व में पकड़े गए तस्कर सुभाष ने किया। उसने भी 35 सौ रुपए की दर से 8 हथियार खरीदे थे। तस्कर कम रेट में हथियार खरीदने के बाद उसे अपराधियों को 10 से 12 हजार रुपए में बिक्री करते थे।

बताया गया कि हथियारों को बनाकर उनकी बिक्री करने का कारोबार लंबे समय से संचालित किया जा रहा था। इस पूरे कारोबार में अमिरती गांव से पकड़े गए लाला उर्फ मसहूद खान की अहम ाूमिका रहती थी। उसी के द्वारा खरीददारों को सेपल दिखाए जाते थे और सौदा तय किया जाता था।


Aaryan Dwivedi

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