रीवा

रीवा में ATM Fraud का पर्दाफाश! समधन को प्रेमजाल में फंसाकर बनाया था गिरोह, समधी-समधन इस तरह करते थें फ्रॉड

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:12 AM GMT
रीवा में ATM Fraud का पर्दाफाश! समधन को प्रेमजाल में फंसाकर बनाया था गिरोह, समधी-समधन इस तरह करते थें फ्रॉड
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रीवा। एटीएम कार्ड बदलकर शहर से लेकर देहात तक पुलिस की नाक में दम करने वाले समधी-समधन गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। पकड़े गए ठगों से सोने चांदी के जेवर नकदी और अन्य वस्तुएं बरामद की गई हैं। पूछताछ में कुछ और खुलासे होने की संभावना है। लंबे समय से एटीएम कार्ड बदलकर लोगों की गाढ़ी कमाई निकालने वाले बदमाशों के शिकायतें पुलिस को मिल रही थीं। एटीएम बूथों में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और शहर के कैमरों में कैद हुए बदमाशों की पुलिस लगातार तलाश कर रही थी।

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों द्वारा पहले घूमकर एटीएम मशीनों को चिन्हित किया जाता था। इसके बाद एक सदस्य एटीएम मशीन के बगल में खड़ा होकर ग्राहक के गोपनीय पिन को देखता था। महिला आरोपी एटीएम मशीन के गेट के बाहर खड़ी रहती थी। इसी दौरान एक और आरोपी शख्स जो लाइन में लगा होता था, आगे वाले शख्स को यह कहकर भ्रमित कर देता था कि आपका कार्ड मशीन में एसेप्ट नहीं कर रहा है और पूर्व से अपने हाथ में रखे एटीएम कार्ड को उसे दे देता था। फिर तुरंत किसी अन्य एटीएम मशीन में जाकर उस एटीएम कार्ड से पैसे निकाल लेता था। कैश निकालने की लिमिट समाप्त होने पर उसी कार्ड के सहारे आरोपी दुकानों से शॉपिंग भी करते थे। यह पूरा काम बड़ी ही सफाई के साथ किया जाता था। एसपी केअनुसार खुलासे में लगी पुलिस टीम को 30,000 नकद पुरस्कार देने के लिए पुलिस महानिरीक्षक को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

ये हुए गिरफ्तार पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में संजय पाठक पिता बबलू पाठक 30 वर्ष निवासी रामपुर पोस्ट पट्टी प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश, संतोष कुमार पाठक पिता भैयालाल पाठक 38 वर्ष निवासी रामपुर पोस्ट पट्टी प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश और माया अग्निहोत्री पत्नी नीलेश अग्निहोत्री 37 वर्ष निवासी ग्राम मऊ थाना सिरमौर जिला रीवा शामिल हैं। गिरोह में एक और आरोपी शामिल है, जिसके संबंध में पुलिस ने जानकारी गोपनीय रखी है और उसे पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है।

समधन को प्रेमजाल में फंसाया और बना लिया गिरोह बताया जाता है कि पकड़ी गई महिला माया अग्निहोत्री संतोष पाठक की समधन है। रिश्ते के बाद प्रेमजाल में फंसाकर उसे अपने साथ रख लिया। इसके बाद दोनों मिलकर बड़े ही चालाकी से गिरोह चला रहे थे। गिरोह में दो अन्य शामिल थे। संतोष पाठक ने पहले अपने समधी नीलेश अग्निहोत्री से उनकी पत्नी को ठगा, उसके बाद वह आम लोगों की गाढ़ी कमाई ठगने लगे।

60 वारदातों को स्वीकारा पकड़े गए गिरोह ने एटीएम बदलकर ठगी करने की 60 वारदातों को कबूल किया है। जिसमें कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें पीडि़त द्वारा पुलिस से शिकायत ही दर्ज नहीं कराई गई है या कुछ ऐसे हैं जिनका एटीएम बदला, लेकिन खातों में पैसे नहीं थे। गिरोह ने रीवा शहर में विभिन्न थाना क्षेत्रों में 20 से अधिक घटनाएं कबूल की हैं। इसके अलावा सतना, सीधी, अमरपाटन, कटनी आदि क्षेत्रों में भी वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है।

इनकी रही अहम भूमिका एटीएम फ्रॉड के इस बड़े खुलासे में मुख्य भूमिका प्रभारी साइबर सेल उपनिरीक्षक गौरव मिश्रा, स्कॉट प्रभारी उपनिरीक्षक अभिषेक पांडेय, आरक्षक हाफिजुर रहमान, मानवेंद्र शर्मा, सुभाष चंद्र, अभिषेक पांडेय, द्वारिका पटेल, रामदरस पटेल, शरद सिंह चंदेल, पवन पाठक, कृष्णकांत नामदेव, वरुणेंद्र सिंह, चालक चंद्र सिंह की रही। इनके साथ प्रशिक्षु डीएसपी अशोक सिंह जादौन, थाना प्रभारी सिविल लाइन राजकुमार मिश्रा, उपनिरीक्षक शिवपूजन मिश्रा थाना प्रभारी समान, उपनिरीक्षक शिवा अग्रवाल थाना प्रभारी अमहिया, थाना प्रभारी सोहागी कन्हैया बघेल ,उप निरीक्षक नीरज दुबे, आरक्षक जीतेंद्र ,आरक्षक सुशील शर्मा, आरक्षक राजीव द्विवेदी ,आरक्षक शेखर तिवारी, सैनिक पारसनाथ, महिला आरक्षक अलका सिंह एवं सीसीटीवी टीम के योगेश एवं अतुल गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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