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रीवा : मऊगंज विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना की बढ़ी मुश्किलें, हाईकमान ने दिया झटका
मध्यप्रदेश में लगातार तीन बार से वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में वापसी की कवायद तेज कर दी है आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी हाईकमान ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है जिसमें मऊगंज से वर्तमान विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना का नाम न होना चर्चा का विषय बना हुआ है राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं सबके अपने-अपने मत हैं ! और हो भी क्यों न...? क्योंकि हाल ही में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल की न्याय यात्रा के दौरान सुखेन्द्र सिंह बन्ना की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का हाथ थामने वाली विमला सिंह पटेल की दावेदारी से मऊगंज से वर्तमान विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना की मुश्किलें बढ़ गई हैं ज्ञात हो कि विमला सिंह पटेल बसपा से रीवा जिले के पूर्व सांसद भीमसिंह पटेल की पत्नी हैं जातीय समीकरण के चलते विमला सिंह पटेल वर्तमान विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं तो वहीं कांग्रेस हाईकमान ने बसपा की टिकट पर मऊगंज से लगातार तीन बार विधायक रहे डॉक्टर आईएमपी बर्मा को भी अचानक इंट्री देकर सुखेन्द्र सिंह बन्ना को तगड़ा झटका दिया है सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ से टिकट मिलने के आश्वासन के बाद ही डॉक्टर आईएमपी बर्मा ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है।
अक्सर विवादों की वजह से सुर्खियां बटोरने वाले दागी विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना का नाम पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के साथ हुई मारपीट में भी सामने आया था जिसके बाद से ही नाराज पार्टी हाईकमान ने मऊगंज में सुखेन्द्र सिंह बन्ना का विकल्प तलाशना शुरू कर दिया था गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के मध्यप्रदेश प्रभारी ने रीवा प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा पूछे जाने पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में से किसी एक को मुख्यमंत्री का चेहरा बताया था जिससे नाराज होकर अजय सिंह राहुल के समर्थकों ने प्रदेश प्रभारी के साथ मारपीट शुरू कर दी थी जिसमें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के करीबी माने जाने वाले मऊगंज विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना का नाम भी सामने आया था जिसको लेकर मऊगंज विधायक की खूब किरकिरी हुई थी।
अब वजह चाहे जो भी हो ऐन मौके पर जिस तरह से पार्टी हाईकमान ने मऊगंज विधायक की काट निकालते हुए मऊगंज से लगातार तीन बार विधायक रहे डॉक्टर आईएमपी बर्मा को जगह दी है उससे सुखेन्द्र सिंह बन्ना का कद जरूर कम हुआ होगा वहीं भाजपा की ही तर्ज पर कांग्रेस में भी टिकट के दावेदारों की बढ़ रही फेहरिस्त में विनोद शुक्ल का नाम शुमार होने से भी विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना की मुश्किलें बढ़ी हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार 2013 के विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके विनोद शुक्ल पार्टी के शीर्ष नेताओं के सम्पर्क में बने हुए हैं तो वहीं पहली सूची में मऊगंज विधायक का नाम नहीं होने से विधायक के समर्थकों को भी निराशा हुई होगी।